तेलंगाना में ओला-उबर ड्राइवरों का 'नो एसी' कैंपेन, यात्रियों के छूटे पसीने
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तेलंगाना में ओला-उबर ड्राइवरों का 'नो एसी' कैंपेन, यात्रियों के छूटे पसीने

No AC campaign: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में ओला और उबर ड्राइवरों ने 'नो एसी' कैंपेन शुरू कर दिया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है.

तेलंगाना में ओला-उबर ड्राइवरों का 'नो एसी' कैंपेन, यात्रियों के छूटे पसीने

No AC campaign In Telangana: गर्मियों में बिना एसी के कार में सफर करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि कार के अंदर का टेंपरेचर बाहर के मुकाबले ज़्यादा हो सकता है. वैसे भी भारत के ज़्यादातर हिस्सों में काफ़ी गर्मी पड़ती है, जिससे कार में एसी की जरूरत पड़ती ही है. लेकिन, जब कार का ऐसी ऑन करते हैं तो इससे माइलेज ड्रॉप होता है. 

माइलेज ड्रॉप होने का मतलब कार की रनिंग कॉस्ट बढ़ाना है. अब ऐसे में कुछ कैब ड्राइवर्स बिना एसी ऑन किए कार चलाते हैं ताकि उन्हें पैसे की बचत हो सकें. इससे कैब बुक करने वाले ग्राहकों को परेशानी होती है. ऐसा ही तेलंगाना में हो रहा है. तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में ओला और उबर ड्राइवरों ने 'नो एसी' कैंपेन शुरू कर दिया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. 

बीते कुछ दिनों से यहां 40 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा टेंपरेचर है. ऐसे में बिना एसी के कैब में सफर करना लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. दैनिक भास्कर के अनुसार, कैब ड्राइवर मुरली रेड्डी ने बताया कि एसी पर उनके कैब चलाने का ख़र्च 16-18 रुपये/किलोमीटर आता है. उबर, ओला और रैपिड कमीशन लेते हैं, जिसके बाद उन्हें 10 रुपये/किलोमीटर का ही पैसा मिलता है.

रेड्डी ने कहा कि 16 घंटे काम करने के बाद भी 500 से 800 रुपये की ही बचत हो पाती है. इसमें कार का मेंटेनेंस ख़र्च भी जाता है. उन्होंने कंपनियों (ओला, ऊबर और रैपिडो आदि) से मांग की है कि एसी वाली कैब का किराया बढ़ाया जाए. तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) ने 8 अप्रैल को'नो एसी' कैंपेन का ऐलान किया था. 

इसने 'एक्स' पर लिखा, "“@TGPWU ने 'नो एसी' अभियान की घोषणा की. Uber, Ola और Rapido ऐप के साथ काम करने वाले हम ड्राइवर प्रति किलोमीटर किराए में गिरावट के कारण कैब में AC ऑन करने में असमर्थ हैं. हमारी कैब को एसी के साथ चलाने की लागत 16-18 रुपये प्रति किलोमीटर है.

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