मारुति ने बढ़ाई प्रोडक्शन कैपेसिटी, नई असेंबली लाइन में हर साल बन सकेंगी 1 लाख कारें
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मारुति ने बढ़ाई प्रोडक्शन कैपेसिटी, नई असेंबली लाइन में हर साल बन सकेंगी 1 लाख कारें

Maruti Suzuki Production Capacity: मारुति सुजुकी इंडिया ने अपनी मानेसर फैसिलिटी की प्रोडक्शन कैपेसिटी में सालाना 1 लाख यूनिट का विस्तार किया है.

मारुति ने बढ़ाई प्रोडक्शन कैपेसिटी, नई असेंबली लाइन में हर साल बन सकेंगी 1 लाख कारें

Maruti Expands Production Capacity: मारुति सुजुकी इंडिया ने अपनी मानेसर फैसिलिटी की प्रोडक्शन कैपेसिटी में सालाना 1 लाख यूनिट का विस्तार किया है. कंपनी ने हरियाणा के मानेसर में अपने तीन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में से मौजूदा प्लांट-ए में एक व्हीकल ‘असेंबली लाइन’ जोड़ी है. मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने बयान में कहा, ‘‘नई व्हीकल ‘असेंबली लाइन’ में सालाना 1 लाख यूनिट बनाने की कैपेसिटी है.’’ 

बयान के अनुसार, एडिशन ‘असेंबली लाइन’ के साथ मानेसर प्लांट्स की कुल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी नौ लाख व्हीकल ईयरली हो गई है. एमएसआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी तेकुची ने कहा,‘‘हमारा लक्ष्य अगले सात-आठ सालों में अपनी कैपेसिटी को करीब दोगुना करके 40 लाख व्हीकल सालाना करना है. सालाना एक लाख व्हीकल की यह कैपेसिटी बढ़ाना इस लक्ष्य की दिशा में एक कदम है.’’ 

मारुति सुजुकी की मानेसर फैक्ट्री का कंपनी के कुल 3 करोड़ यूनिट प्रोडक्शन में बड़ा मुकाम है. इस उपलब्धि में मानेसर फैक्ट्री का 95 लाख से ज्यादा गाड़ियों का योगदान रहा है. इस फैक्ट्री में ब्रेज़ा, अर्टिगा, XL6, वैगन आर, डिज़ायर, एस-प्रेसो, सियाज और सेलेरियो जैसी कई पॉपुलर कारें बनती है.

हिसाशी तेकुची ने कहा, "मारुति सुजुकी, भारत सरकार के मेक इन इंडिया विजन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है." नई असेंबली लाइन शुरू करने के मौके पर उन्होंने कहा, "इससे हमें अपने ग्राहकों को तेजी से सर्विस देने और सालाना 23.5 लाख यूनिट तक के कुल प्रोडक्शन की अपनी कैपेसिटी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी."

उन्होंने आगे कहा, "ये नई असेंबली लाइन ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल करती है, जो ह्यूमेन एर्गोनॉमिक्स को बेहतर बनाती हैं, प्रोडक्टिविटी बढ़ाती हैं और ट्रेसेबिलिटी को आसान बनाती है." बता दें कि मारुति सुजुकी मानेसर फैक्ट्री का प्रोडक्शन फरवरी 2007 में प्लांट-A के शुरू होने के साथ हुआ था. ग्राहकों की मांग बढ़ने के साथ, कंपनी ने 2011 में प्लांट-B और 2013 में प्लांट-C को शुरू किया था.

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