Car Airbag Tips: अगर आप एयरबैग की सर्विसिंग और रेगुलर चेकअप नहीं करवाते हैं तो ऐसी लापरवाही के चलते आप मुसीबत में पड़ सकते हैं.
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Car Airbag Tips: कार का सबसे जोरदार सेफ्टी फीचर होता है इसमें लगा हुआ एयरबैग, हालांकि लोग सबसे ज्यादा इसी के साथ लापरवाही भी करते हैं. दरअसल लोग इसकी सर्विसिंग और चेकअप सालों तक नहीं करवाते हैं. नतीजतन कई बार एक्सीडेंट होने पर भी एयरबैग्स नहीं खुलता है और आप गंभीर चोट का शिकार बन सकते हैं. एयरबैग्स आमतौर पर लंबे समय तक बिना किसी समस्या के काम करते हैं, लेकिन उनकी सही स्थिति सुनिश्चित करने के लिए रेगुलर चेकअप जरूरी है.
एयरबैग की जांच कितने समय बाद करनी चाहिए?
हर सर्विसिंग पर जांच कराएं:
जब भी आप अपनी कार की नियमित सर्विसिंग करवाएं (आमतौर पर 6-12 महीने में), मैकेनिक से एयरबैग्स और उनके सिस्टम की जांच जरूर करवाएं.
खासतौर पर एयरबैग कंट्रोल मॉड्यूल और सेंसर्स की जांच कराना जरूरी है.
कार के मैनुअल के अनुसार जांच:
कार निर्माता द्वारा दिए गए यूजर मैनुअल में एयरबैग सिस्टम के रखरखाव के निर्देश दिए जाते हैं.
आमतौर पर 10 साल के बाद एयरबैग्स का विस्तृत निरीक्षण करने की सलाह दी जाती है.
एयरबैग वार्निंग लाइट पर ध्यान दें:
अगर आपकी कार की डैशबोर्ड पर एयरबैग वार्निंग लाइट (SRS Light) ऑन हो, तो इसे तुरंत चेक करवाएं.
यह सिस्टम में किसी खराबी का संकेत हो सकता है.
एक्सीडेंट के बाद एयरबैग्स की जांच:
अगर आपकी कार किसी एक्सीडेंट में शामिल रही है, चाहे एयरबैग्स खुले हों या नहीं, एयरबैग सिस्टम की जांच करवाना जरूरी है.
एक्सीडेंट के दौरान सेंसर या मॉड्यूल डैमेज हो सकते हैं.
एयरबैग न खुलने के संभावित कारण:
सेंसर में खराबी:
अगर क्रैश सेंसर सही से काम नहीं कर रहा, तो एयरबैग समय पर एक्टिवेट नहीं होगा.
एयरबैग कंट्रोल मॉड्यूल में समस्या:
कंट्रोल यूनिट खराब होने पर एयरबैग खुलने में असमर्थ हो सकता है.
बैटरी की समस्या:
कमजोर बैटरी या बैटरी कनेक्शन में खराबी से एयरबैग सिस्टम काम नहीं करता।
पुराना एयरबैग सिस्टम:
10-15 साल पुराने एयरबैग्स में गैस चार्ज कम हो सकती है, जिससे वे ठीक से न खुलें.
अनऑथराइज्ड रिपेयर:
एक्सीडेंट के बाद अगर एयरबैग सिस्टम को सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया हो, तो यह फेल हो सकता है.
एयरबैग सिस्टम की देखभाल कैसे करें?
सर्विसिंग समय पर करवाएं:
एयरबैग्स और उनके सेंसर्स को हर नियमित सर्विस के दौरान चेक करवाएं.
ओरिजिनल पार्ट्स का इस्तेमाल करें:
एयरबैग्स से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए केवल अधिकृत सर्विस सेंटर से ही रिपेयर करवाएं.
डैशबोर्ड पर ध्यान दें:
एयरबैग खोलने वाले डैशबोर्ड या स्टीयरिंग कवर को मॉडिफाई न करें.
एयरबैग वार्निंग लाइट पर नजर रखें:
यह लाइट ऑन होते ही तुरंत कार को सर्विस सेंटर ले जाएं.