Shanti Rashi Parivartan: इन राशि वालों के आएंगे बुरे दिन, पड़ेगी शनि की ढैय्या-साढ़ेसाती की मार; इन्हें मिलेगी मुक्ति
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Shanti Rashi Parivartan: इन राशि वालों के आएंगे बुरे दिन, पड़ेगी शनि की ढैय्या-साढ़ेसाती की मार; इन्हें मिलेगी मुक्ति

Shani Sade Sati and Shani Dhaiya: ज्योतिषों का कहना है कि नए साल में कुछ राशियों पर शनिदेव की तिरछी नजर रहेगी. फिलहाल शनि देव अपनी राशि मकर में हैं. साल 2023 में वह कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे.

 

Shanti Rashi Parivartan: इन राशि वालों के आएंगे बुरे दिन, पड़ेगी शनि की ढैय्या-साढ़ेसाती की मार; इन्हें मिलेगी मुक्ति

Remedies for Shani: बस कुछ दिन और फिर साल 2023 की शुरुआत हो जाएगी. ज्योतिषों का कहना है कि नए साल में कुछ राशियों पर शनिदेव की तिरछी नजर रहेगी. फिलहाल शनि देव अपनी राशि मकर में हैं. साल 2023 में वह कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसी के साथ कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और कुछ पर ढैय्या की मार शुरू हो जाएगी.

इन राशियों को मिलेगा छुटकारा

मकर राशि: 26 जनवरी, 2017 से मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी. 29 मार्च 2025 को यह खत्म हो जाएगी.

धनु राशि: धनु राशि वालों को 17 जनवरी 2023 तक शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी.

कुंभ राशि: 24 जनवरी 2020 को कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी. इस राशि को 2028 में शनि के मार्गी होने पर साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी.

मीन राशि: 29 अप्रैल 2022 को जब शनि ने कुंभ राशि में प्रवेश किया था, तब मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो गई थी. 17 अप्रैल 2030 तक मीन राशि वालों को साढ़ेसाती की मार झेलनी होगी. फिलहाल इन पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है, जो 29 मार्च 2025 तक रहेगा.

इन राशि वालों पर ढैय्या का असर

शनि के कुंभ राशि में आने के बाद 29 अप्रैल 2022 से कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर ढैय्या शुरू हुई थी. तुला और मिथुन राशि पर 17 जनवरी 2023 को ढैय्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी. 24 जनवरी 2020 से इन दोनों राशियों पर शनि की ढैय्या जारी है. 

बता दें कि साढ़ेसाती का अच्छा असर भी होता है और बुरा प्रभाव भी. साढ़ेसाती का मतलब यानी साढ़े 7 साल की अवधि. शनि सभी 12 राशियों में घूमने में 30 साल का वक्त लेता है. वह एक राशि में ढाई वर्ष तक रहता है. जब कुंडली में जन्म राशि यानी चंद्र राशि से 12वें स्थान पर शनि का गोचर शुरू होता है, तो जिंदगी में साढ़ेसाती शुरू हो जाती है. चूंकि शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है इसलिए तीनों भावों को मिलाकर 7.5 साल का वक्त अंतराल में पूर्ण करता है. इस विशेष गोचर को साढ़ेसाती कहा गया है. जबकि शनि जब जन्म राशि यानी जन्म कुंडली में स्थित चंद्रमा से चतुर्थ भाव, अष्टम भाव में भ्रमण करता है तो उसको ढैय्या कहते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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