Shani Vakri 2023: कुंभ पर चल रही है साढे़साती, मकर के स्वामी हैं शनि; जानें कैसा रहेगा वक्री होने का प्रभाव
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Shani Vakri 2023: कुंभ पर चल रही है साढे़साती, मकर के स्वामी हैं शनि; जानें कैसा रहेगा वक्री होने का प्रभाव

Shani Vakri 2023 Effects: शनि के वक्री होने का असर वैसे तो सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन खासकर उन राशि वालों को सतर्क रहना होगा, जिन पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.

शनि वक्री

Saturn Retrograde: शनि देव इन दिनों वक्री चाल चल रहे हैं. वह 17 जून को वक्री हुए थे और 4 नवंबर तक रहेंगे. ऐसे में मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए विशेष प्रभावी होंगे, क्योंकि मकर राशि वालों के स्वामी हैं शनि देव तो कुंभ राशि में चल रही है साढ़े साती. वहीं, मीन राशि वालों को भी ध्यान रखना होगा. आइए जानते हैं कैसा रहेगा इन राशियों का फल.

मकर

शनि देव मकर राशि वालों के लिए लॉर्ड हैं, परिवार में विघटन न होने पाए इस बात का खास ध्यान रखना होगा.  संयुक्त परिवार में रहते हैं तो प्रेम कम नहीं होना चाहिए. मतभेद तो हो सकता है किंतु मनभेद नहीं होना चाहिए. जितना अधिक प्रेम का लुब्रिकेशन होगा उतना ही अच्छा रहेगा. हो सकता है कोई भाई कहे कि हम अलग रहना चाहते हैं तो क्रोध के बजाय अपना हृदय विशाल करें. परिवार जब तक जुड़ा रहे अच्छा है नहीं तो विभाजन होना ही है. घरेलू पॉलिटिक्स पर भी नजर रखनी होगी. 

कुंभ

शनि की वक्री दशा कुंभ राशि वालों को मानसिक तनाव देने वाली हैं, क्योंकि इनकी साढ़े साती चल रही है, ऐसे में शनि का अनुशासन मानने में ही भलाई है. शनि की वक्री  स्थिति चार नवंबर तक रहेगी इसलिए इस अवधि में इन लोगों को सावधानी के साथ कदम बढ़ाने होंगे. शनिदेव कुंभ राशि और कुंभ लग्न वालों के लिए शनि उनके स्वामी होते हैं और उनके लिए हितकारी भाव रखते हैं. कुंभ राशि वालों को अपनी मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, यह समय मां के लिए पीड़ादायक हो सकता है. जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा चोट लगने की प्रबल आशंकाएं बनी हुई है यदि नसों से संबंधित कोई दिक्कत है तो उसके उपचार को लेकर फोकस करना होगा.

मीन

मीन राशि वालों को मकान या वाहन की रिपेयरिंग पर धन खर्च करना पड़ सकता है. वक्री शनि के प्रभाव स्वरूप आपकी वाणी में कठोरता आ सकती है, इसलिए किसी से भी विनम्रता और मिठास के साथ बात करनी चाहिए. यदि पहले से ही घर में पारिवारिक तनाव है तो तनाव के कारणों पर शनि वक्री के दौरान सभी सदस्यों के साथ सामूहिक रूप से चर्चा करनी चाहिए. आपस में प्रेम बढ़ाएं और यदि प्रेम की मात्रा ज्यादा रही तो परिवार टूटने से बच जाएगा और पहले से भी ज्यादा अच्छी बॉन्डिंग होती दिखाई देगी. वहीं, दूसरी ओर यदि वार्ता में अहंकार का बीज पड़ गया और प्रेम की मात्रा कम रही तो निश्चित रूप से अनावश्यक अहंकार विघटन करा सकता. जिन लोगों का मुकदमा निर्णायक स्थिति में है, उन्हें विजय प्राप्त हो सकती है.

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