Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा लगभग तीन महीनों से जारी है. इस हिंसा में लगभग 160 लोगों की मौत हो गई है. विपक्षी गठबंधन के 21 सांसद मणिपुर के दौरे पर है. राहत शिविरों में पीड़ितों ने सुनाया खौफनाक कहानी.
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Manipur Violence: विपक्षी गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर हिंसा का आकलन करने के लिए शनिवार से हिंसा प्रभावित क्षेत्र की दो दिवसीय यात्रा पर है. पहले दिन सांसदों ने इंफाल, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग और चुराचांदपुर राहत शिविरों में झड़प के पीड़ितों से मुलाकात की है. रविवार को प्रतिनिधिमंडल का प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात का कार्यक्रम है.
एक संवाददाता सम्मेलन में विपक्ष ने 3 मई से राज्य में भीषण संकट को लेकर केंद्र की आलोचना की और कहा, "हम लोगों की अपेक्षाओं को समझने के लिए मणिपुर आए हैं और हम इसे संसद में बात रखेंगे."
विपक्षी गुट ने शांतिपूर्ण समाधान का अपील की है. हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इस यात्रा को नाटक करार दिया है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "हमने हमेशा कहा है कि अगर प्रधानमंत्री सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहते हैं तो हमें इसका हिस्सा बनने में खुशी होगी. अंत में हम चाहते हैं कि शांति स्थापित हो."
पत्रकारों से बात करते हुए, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "I.N.D.I.A गठबंधन एकमात्र प्रतिनिधिमंडल है जो लगातार मणिपुर का दौरा करता है. हमने हमेशा कहा है कि यदि प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहते हैं तो हमें इसका हिस्सा बनने में खुशी होगी."
उन्होंने कहा, ''पश्चिम बंगाल, झारखंड, केरल और तमिलनाडु के राजनीतिक दल लोगों के साथ बातचीत करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि उनकी चिंताओं को संसद में इसपर चर्चा हो. हमने कुल चार राहत शिविरों का दौरा किया है. दो में चुराचांदपुर, एक इंफाल में और एक मोइरांग में हर कोई शांति चाहता है और हर कोई अपना जीवन बनाना चाहता है. हम अपनी दूसरी टीम के साथ मिलेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे और कल हम राज्यपाल से मिलेंगे."
हालांकि, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस दौरे को महज दिखावा बताया. वरिष्ठ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि जब पिछली सरकारों के तहत मणिपुर जलता था. तब विपक्ष को पूर्वोत्तर राज्य की परवाह नहीं थी. उन्होंने कहा, "जब मणिपुर महीनों तक बंद रहता था. तब उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला था."