गांधी परिवार को रायबरेली-अमेठी में मिलेगी कड़ी चुनौती, इन नेताओं ने 'इंडिया' गठबंधन की बढ़ाई टेंशन
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गांधी परिवार को रायबरेली-अमेठी में मिलेगी कड़ी चुनौती, इन नेताओं ने 'इंडिया' गठबंधन की बढ़ाई टेंशन

Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीट पर तगड़ी घेराबंदी कर दी है. क्योंकि राज्यसभा चुनाव के बाद इन दोनों सीटों पर समीकरण बदल गया है. अमेठी लोकसभा सीट फिलहाल सत्तारूढ़ भाजपा के पास ही है.

 गांधी परिवार को रायबरेली-अमेठी में मिलेगी कड़ी चुनौती, इन नेताओं ने 'इंडिया' गठबंधन की बढ़ाई टेंशन

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 202 को लेकर सभी पार्टियों ने तैयरियां शुरू कर दी है. हालिया राज्यसभा चुनाव में यूपी में भाजपा ने शानजदार प्रदर्शन किया को वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने कर्नाटक में अच्छा किया. लेकिन कांग्रेस को हिमाचल में हुत बड़ा झटक लगा. सरकार में रहते हुए पार्टी यहां पर इकलौते राज्यसभा सीट को नहीं बचा सकी. पार्टी के सीनियर नेता अभिषेक मनु सिंघवी को क्रॉस वोटिंग की वजह से भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन से 'लकी ड्रॉ'  के जरिए हार का सामना करना पड़ा. अब भाजपा ने गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीट पर तगड़ी घेराबंदी कर दी है. क्योंकि राज्यसभा चुनाव के बाद इन दोनों सीटों पर समीकरण बदल गया है. 

हालांकि, अमेठी लोकसभा सीट सत्तारूढ़ भाजपा के पास ही है.  लेकिन, उसकी निगाहें रायबरेली सीट पर बनी हुई हैं. कांग्रेस की पूर्व चेयरमैन सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद बीजेपी इस सीट पर जीत को आसान मान रही है.  यहां पर भारतीय जनता पार्टी सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय के जरिए से सेंधमारी करने की फिराक में है. वहीं, बीजेपी ने अमेठी में SP विधायक राकेश सिंह को अपने पाले में लाकर इस सीट पर अपने जीत की दावेदारी को और मजबूत कर दिया है.

कांग्रेस की चुनौती में इजाफा
'इंडिया' अलायंस में शामिल समाजवादी पार्टी के विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस की चुनौती इन दोनों सीटों पर और बढ़ गई है. कांग्रेस को अब इन दोनों सीटों पर अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी. राजनीतिक जानकारों ने बाताय कि राज्यसभा चुनाव के जरिए सत्तारूढ़ भाजपा ने गांधी परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली और अमेठी को काफी रोचक बना दिया है, इन दोनों सीटों के समीकरण बदल गए हैं. राकेश सिंह और मनोज पांडेय के जरिए ना सिर्फ गठबंधन के वोटबैंक पर सेंधमारी की कोशिश की है. बल्कि, कांग्रेस के सामने चुनौती भी खड़ी कर दी है.

कांग्रेस को मौजूदा सूरत-ए-हाल को देखते हुए अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी. अगर रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी और अमेठी से राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो गठबंधन को कैंडिडेट्स तलाशने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. रायबरेली और अमेठी की सियासत पर दशकों से नजर रखने वाले सीनियर जर्नलिस्ट तारकेश्‍वर मिश्रा कहते हैं कि अमेठी में अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ते हैं तो उनके सामने काफी बड़ी चुनौती रहेगी. सेंट्रल मिनिस्टर स्मृति ईरानी लगातार अपने इलाके में बनी हुई हैं. वह हर छोटे-बड़े प्रोग्राम में अपने संसदीय इलाके में ही रहती हैं. साथ ही, उन्होंने वादे के मुताबिक अपना घर भी तैयार कर लिया है. 

अगर रायबरेली की बात करें तो मनोज पांडेय की इस इलाके के ब्राह्मणों में ठीक पकड़ है, इसीलिए बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वो पहली बार MLA बने थे. इसके बाद साल 2017 और 2022 के चुनाव में भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. मनोज पांडेय का रायबरेली और आसपास के जिलों में भी अच्छा-खासा प्रभाव है. जबसे ऊंचाहार विधानसभा सीट बनी है, तब से डॉ. मनोज कुमार पांडेय ही यहां के विधायक हैं. 

तीन बार के विधायक राकेश सिंह से सेंट्रल मिनिस्टर स्मृति ईरानी के अच्छे रिश्ते हैं.वहीं, गायत्री प्रजापति की बीवी महाराजी देवी के भी स्मृति ईरानी से काफी अच्छे संबंध हैं. वह उनके यहां प्रोग्राम में शिरकत कर चुकी हैं. इन तीनों के जरिए  भाजपा ने अमेठी और बरेली में मजबूत फिल्डिंग लगा दी है. अब देखना दिलचस्प होगा कि अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस किसे चुनावी अखाड़े में उतारती है.

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