Professor TJ Joseph: 4 जुलाई 2010 को मलयालम के प्रोफेसर टी.जे.जोसेफ का हाथ कलाई से काटने के कुसूरवार छह लोगों में से तीन को उम्रकैद जबकि, तीन आरोपियों को 3-3 साल की सजा सुनाई गई है.
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Kerala Professor Attack Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक स्पेशल अदालत ने प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ का हाथ कलाई से काटने के कुसूरवार छह लोगों में से तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है.अदालत ने सजील, नसर और नजीब को आजीवन कारावास जबकि, बाकी तीन मुल्जिम नौशाद, मोइदीन और अयूब को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई है. एनआईए कोर्ट ने बुधवार को दूसरी पूरक चार्जशीट की बुनियाद पर छह आरोपियों को जघन्य अपराध का कुसूरवार करार किया, जबकि पांच अन्य लोगों को बरी कर दिया.
प्रोफेसर ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
कोर्ट ने आरोपी को मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपये देने को भी कहा. प्रोफेसर जोसेफ ने फैसले पर अपना रद्देअमल जाहिर करते हुए कहा कि, सजा पर विशेषज्ञों को अपनी प्रतिक्रिया देनी है, न कि मुझे. खुद को दी गई पुलिस सिक्योरिटी और मुआवजे की रकम पर जोसेफ ने पलटवार करते हुए कहा, "हां, अब मुझे सुरक्षा मिल गई है, लेकिन उस वक्त मैंने पुलिस को तीन बार सूचित किया था कि मुझे धमकियां मिल रही हैं, लेकिन पुलिस की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया. मुआवजे के संबंध में उन्होंने कहा, "राज्य सरकार जिम्मेदार है और उन्हें इसे देना होगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह किस से लिया गया है.
4 जुलाई 2010 को हुआ था हमला
प्रोफेसर ने सजा का ऐलान होने के बाद कहा कि, जिन लोगों को पकड़ा गया और सजा दी गई वे सिर्फ मोहरे हैं. इस हादसे के असली गुनाहगारों के चेहरों से नकाब उठाना अभी बाकी है. बता दें कि, 4 जुलाई 2010 को जब मलयालम के प्रोफेसर जोसेफ अपने परिवार के साथ एक चर्च से संडे की प्रेयर के बाद लौट रहे थे, जब हथियारबंद बदमाशों के एक ग्रुप ने उन्हें घेर लिया और उनका हाथ कलाई से अलग कर दिया. हादसे को लेकर प्रोफेसर जोसेफ कहते हैं कि इस घटना का उनकी जिंदगी पर गहरा असर पड़ा. उन्होंने बताया कि हमले के थोड़े दिन बाद ही उनकी नौकरी चली गई. इस बात से परेशान होकर उनकी पत्नी ने खुदकुशी कर ली.
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