तालिबान ने लिया बड़ा फैसला, भारत में नियुक्त किया अपना दूत, जानें पूरा मामला
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तालिबान ने लिया बड़ा फैसला, भारत में नियुक्त किया अपना दूत, जानें पूरा मामला

Afghanistan News: तालिबान साल 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद, पहली बार संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस बीच तालिबान ने भारत को लेकर बड़ा फैसला किया है.

तालिबान ने लिया बड़ा फैसला, भारत में नियुक्त किया अपना दूत, जानें पूरा मामला

Afghanistan News: तालिबान साल 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था. हालांकि, तालिबान को फिलहाल UN से अफगानिस्तान के वैध शासक के रूप में आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है. इस वजह से दुनियाभर के मुल्क अफगानिस्तान दूतावास को बंद कर दिया था. भारत में भी अफगानिस्तान दूतावास को बंद कर दिया गया था. इस बीच बड़ी खबर सामने आई है. 

दरअसल, तालिबान शासन ने इकरामुद्दीन कामिल को मुंबई मौजूद अफगान मिशन में कार्यवाहक वाणिज्यदूत नियुक्त किया है. यह जानकारी अफगान मीडिया ने दी है. यह भारत में किसी भी अफगान मिशन में तालिबान द्वारा की गई पहली ऐसी नियुक्ति है. इस नियुक्ति पर भारतीय पक्ष की तरफ से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई.

तालिबान नियंत्रित बख्तर समाचार एजेंसी ने सोमवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मुंबई में कार्यवाहक वाणिज्यदूत के रूप में कामिल की नियुक्ति की घोषणा की है. उसने कहा, "वह फिलहाल मुंबई में हैं, जहां वह इस्लामिक अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हुए एक राजनयिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं."

तालिबान के उप विदेश मंत्री ने किया ट्वीट
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह नियुक्ति भारत के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने और विदेशों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए काबुल के प्रयासों का हिस्सा है. तालिबान के उप विदेश मंत्री (राजनीतिक मामले) शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने भी कामिल की नियुक्ति के बारे में सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया.

तालिबान इस सम्मेलन में लिया था हिस्सा
वहीं, तालिबान साल 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद, पहली बार संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लिया था. सीओपी29 के नाम से जाना जाने वाला यह सम्मेलन 11 नवंबर को अजरबैजान में हुआ था. यह सम्मेलन उन महत्वपूर्ण बहुपक्षीय वार्ताओं में से एक था, जिसमें तालिबान शामिल हुआ था.

 

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