पाकिस्तान: USA, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ ने हाल ही में पाकिस्तान की सैन्य अदालतों की तरफ से 25 नागरिकों को सजा सुनाए जाने की आलोचना की थी. अब अदालत में इनमें से 19 दोषियों की मर्सी पिटीशन को एक्सेप्ट कर लिया है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान से बड़ी खबर आई है. शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ 9 मई हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में शामिल 19 दोषियों की मर्सी पिटीशन को मानवीय आधार पर कबूल कर लिया गया है. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने गुरुवार को यह ऐलान किया.
बता दें पिछले दिनों कम वक्त पहले सैन्य अदालतों ने 2023 के 9 मई को हिंसक विरोध प्रदर्शनों में शामिल कुल 85 लोगों को सजा सुनाई थी. विरोध प्रदर्शन पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ किए गए थे.
21 दिसंबर को, आईएसपीआर ने जानकारी दी थी कि 9 मई की घटनाओं के लिए सैन्य अदालतों ने 25 पीटीआई समर्थकों को जेल की सजा सुनाई. इसके एक सप्ताह बाद दीगर 60 नागरिकों को राष्ट्रव्यापी दंगों में शामिल होने के लिए दो से 10 साल तक की कैद की सजा सुनाई गई.
USA समेत इन देशों ने की थी आलोचना
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ ने हाल ही में पाकिस्तान की सैन्य अदालतों की तरफ से 25 नागरिकों को सजा सुनाए जाने की आलोचना की थी. बयान में कहा गया, "9 मई की त्रासदी के दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद, उन्होंने अपील करने के अपने हक का इस्तेमाल किया और अपनी सजा में दया/छूट की मांग की"
48 पर कार्रवाई, 19 को माफी
बयान के मुताबिक, कुल 67 दोषियों ने अपनी मर्सी पिटीशन्स दीं. 48 याचिकाओं पर अपील अदालतों में कार्रवाई की गई, जबकि 19 दोषियों की याचिकाओं को 'कानून के तहत विशुद्ध रूप से मानवीय आधार पर एक्सेप्ट किया गया है. यानी फॉर्मेलिटीज पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा.
ISPR ने क्या कहा?
ISPR ने कहा, "दीगर लोगों की दया याचिकाओं पर कानूनी प्रक्रिया के बाद वक्त पर फैसला लिया जाएगा." इसमें आगे कहा गया है, "दोषी ठहराए गए सभी लोगों को कानून और संविधान के मुताबिक अपील और अन्य कानूनी उपायों का हक है."
PTI और सरकार में बनी बात!
यह ऐलान ऐसे वक्त में किया गया जब पूबर्व पीएम इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी और सरकार के बीच सियासी टेंशन को दूर करने के लिए बातचीत जारी है. इस फैसले के बाद ऐसा संभव है कि दोनों पक्ष किसी टकराव को टालना चाहते हैं. PTI 9 मई और नवंबर, 2024 की घटनाओं की जांच के लिए ज्यूडिशियल कमीशन के गठन और राजनीतिक कैदियों की रिहाई समेत महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करना चाहती है.
पीटीआई का आरोप
वहीं, पीटीआई ने सैन्य अदालतों में नागरिकों के खिलाफ चल रहे मुकदमों पर भी सवाल उठाए हैं. इल्जाम लगाया कि सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान 9 मई की घटना का इस्तेमाल इमरान खान और पार्टी पर नकेल कसने के लिए करने के लिए कर रहे हैं.