Haldwani Violence: अब्दुल मलिक को जारी 2.42 करोड़ रुपये के रिकवरी नोटिस पर लगी रोक, HC का बड़ा फैसला
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Haldwani Violence: अब्दुल मलिक को जारी 2.42 करोड़ रुपये के रिकवरी नोटिस पर लगी रोक, HC का बड़ा फैसला

Haldwani Violence: हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य मुल्जिम अब्दुल मलिक को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने अब्दुल मलिक कोर्ट नगर निगम के जरिए भेजे गए 2.42 करोड़ रुपये के रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी है.

Haldwani Violence: अब्दुल मलिक को जारी 2.42 करोड़ रुपये के रिकवरी नोटिस पर लगी रोक, HC का बड़ा फैसला

Haldwani Violence: उत्तराखंड हाईकोर्ट से हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य मुल्जिम अब्दुल मलिक को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने अब्दुल मलिक कोर्ट नगर निगम के जरिए भेजे गए 2.42 करोड़ रुपये के रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी है. जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है. 

क्या है पूरा मामला
हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में कथित तौर पर एक अवैध मदरसा को गिराया गया था, जिसके बाद इलाके में हिंसा हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने अब्दुल मलिक को हिंसा के मुख्य मुल्जिम बनाया था. हिंसा के दौरान पथराव की घटनाएं हुई थी. जिसमें कई 6 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 300 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. 

मलिक से तीन दिन के भीतर 2.42 करोड़ रुपये जमा करने की हुई थी मांग
हिंसा के बाद नगर निगम ने 12 फरवरी 2024 को जारी नोटिस में अब्दुल मलिक से रुपये जमा करने की मांग की गई थी. बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुए दंगे के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए तीन दिन के भीतर 2.42 करोड़ रु. नगर निगम के नोटिस में मलिक को मुख्य आरोपी बताते हुए दावा किया गया है कि हिंसा के दौरान कई लोगों की जान चली गई और करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा. 

भुगतान न होने पर जारी किया था नोटिश
वहीं, मलिक तीन दिन के भीतर 2.42 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद प्रशासन ने वसूली की कार्यवाही शुरू की. इसके बाद 25 अप्रैल को हलद्वानी तहसीलदार के जरिए वसूली नोटिस जारी किया गया. मलिक ने नगर निगम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए तर्क दिया कि उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं और मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है.

कोर्ट ने लगा दी रोक
जस्टिस मनोज कुमार तिवारी ने याचिकाकर्ता के तर्क को स्वीकार करते हुए अब्दुल मलिक को कोर्ट में मामला जारी रहने तक अस्थायी राहत प्रदान करते हुए वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है. 

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