26 मुस्लिम जोड़ों ने एक साथ की शादी; गैर-मुस्लिमों के लिए भी बना खाना
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26 मुस्लिम जोड़ों ने एक साथ की शादी; गैर-मुस्लिमों के लिए भी बना खाना

Muslim Marriage in MP: मध्य प्रदेश के जिले अलीराजपुर में एक मुस्लिम प्रोग्राम हुआ. इसमें 26 मुस्लिम जोड़ों ने शादी की. शादी के मुसलमानों और गैरमुस्लिमों के लिए खाने की व्यवस्था की गई. शादी का पूरा खर्च मुस्लिम बिरादरी ने किया.

26 मुस्लिम जोड़ों ने एक साथ की शादी; गैर-मुस्लिमों के लिए भी बना खाना

Muslim Marriage in MP: मध्य प्रदेश के जिले अलीराजपुर में मुस्लिम समुदाय ने बड़ा काम किया है. यहां के जोबट इलाके में अंजुमन इज्तेमाई शादी सम्मेलन का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया गया. इस सामूहिक विवाह समारोह में 26 जोड़ो ने शादी की. शादी का यह प्रोग्राम जोबट मुस्लिम समाज की तरफ से किया गया. इस प्रोग्राम में जोबट नगर के अलावा अलीराजपुर, खट्टाली, भाबरा, बडौदा, बुरहानपुर, खण्डवा, इन्दौर, छकतला, बडवानी, सेन्धवा, डही, बाग, डेहरी, मनावर, राजगढ, धमनोद और दूसरे मकामों के लोग भी शामिल हुए. 

क्या है प्रोग्राम का मकसद?
आर्थिक तौर से पिछड़े वर्ग से आने वाले परिवारों के लिए इस आयोजन का अहम मकसद महंगाई के दौर में शादी का खर्च कम करना है और गरीब परिवारों को राहत देना है, ताकि वह अपने बच्चों की शादी खुशी-खुशी कर सकें. शादी का ये प्रोग्राम कृषि उपज मण्डी, जोबट में आयोजित किया गया. इस प्रोग्राम की कयादत शहर के काजी सय्यद मोहम्मद हसन (मम्मा दादाजी) की सरपरस्ती में हुआ. प्रोग्राम में अहम मेहमान के बतौर इलाके की सांसद अनिता नागरसिंह चौहान, इलाके की विधायक सेना महेश पटेल और जिले के कलेक्टर अभय अरविन्द बेडेकर थे. 

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इन लोगों ने निभाया अहम रोल
इस प्रोग्राम की कामयाबी में अहम किरदार अदा करने वाले लोग थे सय्यद तनवीरूल हसन दादाजी, मखमुद्दीन खत्री रेंजर साहब, जुनेद खत्री (किराना), रईस पठान और समाज के कई नौजवान. प्रोग्राम में शाहरूख शब्बीर मकरानी, सलमान शहजाद मकरानी, रमीज शेख राज, शाहरूख खत्री पत्रकार और आमीर मकरानी ने अहम किरदार अदा किया. 

प्रोग्राम में खाने का एहतमाम
इस प्रोग्राम की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यह धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक था. इसमें दीगर मजबह के लोगों ने मौजूद होक प्रोग्राम को खास बना दिया. प्रोग्राम में मुस्लिम समाज की तरफ से खाने का खास एहतमाम किया गया. इस प्रोग्राम में गैर-मुस्लिम नागरिकों के लिए भी खाने का इंतेजाम किया गया. प्रोग्राम का सारा खर्च मुस्लिम समाज ने ही किया.

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