Heat Stroke: हीट स्ट्रोक की समस्या गर्मियां आते ही बढ़ने लगती हैं. देश में हीट स्ट्रोक के कारण मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं. तो चलिए जानते हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण, हीट स्ट्रोक का इलाज और हीट स्ट्रोक से कैसे बचें.
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Heat Stroke: गर्मियां आते ही हीट स्ट्रोक के मामले सामने आने लगते हैं. हाल ही में देश के कई हिस्सों से हीट स्ट्रोक के कारण मरने की खबरें सामने आई हैं. ये आमतौर पर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है. लेकिन कई बार हीट स्ट्रोक के मामले युवाओं में भी देखने को मिल जाते हैं. अब सवाल आता है कि आखिर हीट स्ट्रोक क्या है. तो आपको बता दें इसमें शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है. शरीर इस तापमान को कम नहीं कर पाता है और ना ही पसीना आता है. बॉडी टेमपरेचर 104 डिग्री फेहरानाइट को पार कर देता है. जिसकी वजह से इंसान की मौत भी हो सकती है. हम आपको हीट स्ट्रोक के लक्षण, हीट स्ट्रोक का इलाज और उससे बचने के तरीकों के बारे में जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं.
- हीट स्ट्रोक का सबसे पहला लक्षण शरीर का तेजी से तापमान बढ़ना है. बॉडी का तापमान 104 डिग्री फेहरानाइट को पार करने लगता है.
- बेहोश होना भी पहला लक्षण हो सकता है.
- हीट स्ट्रोक में तेज सिर दर्द होता है और चक्कर आते हैं.
- शरीर का तापमान बढ़ने के बाद भी पसीना नहीं आता है.
- मासपेशियों में दर्द होता है.
- उल्टियां होना भी आम है
- हीट स्ट्रोक के एक और लक्षण तेजी से दिल धड़कना है.
- तेज-तेज सास लेना या कई बार धीमे-धीमे सास लेना
- हीट स्ट्रोक की समस्या लगने पर शरीर को ठंडा रखना बेहद जरूरी है.
- शरीर को ठंडा रखने के लिए पानी की पट्टियों का इस्तेमाल करें. आइस पैक को पेशेंट के गले, कमर, बगल में रखें. इन जगहों पर नसों अधिक मात्रा में होती हैं जिसकी वजह से शरीर को जल्दी ठंडा होता हैय
- ध्यान रहे बूढ़े, बच्चों और जिन लोगों को किसी तरह का मेडिकल इश्यू है उनपर बर्फ का इस्तेमाल ना करें. ये घातक हो सकता है.
- डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें उसके ही देख रेख में इन चीजों को करना उचित है.
- किसी भी घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने से बचें. ऐसा करना पेशेंट के लिए काफी घातक हो सकता है.
- हीट स्ट्रोक ना हो इसके लिए शरीर को ठंडा रखना बेहद जरूरी है.
- अधिक पानी का सेवन करें.
- ठंडी चीजें जैसे नींबू पानी, तरबूज, खरबूजा, गन्ने का रस आदि का सेवन करते रहें. ये शरीर में पानी की की नहीं होने देते हैं.
- बूढ़े लोग और बच्चे लू से बचें और दोपहर में बाहर निकलने से परहेज करें.
- उल्टी, दस्त और बुखार आदि होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.