Ban on Burqa: महाराष्ट्र बोर्ड एग्जाम के पहले मुस्लिम छात्राओं को बुर्का विवाद में उलझाना चाहते हैं मंत्री नितेश राणे
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Ban on Burqa: महाराष्ट्र बोर्ड एग्जाम के पहले मुस्लिम छात्राओं को बुर्का विवाद में उलझाना चाहते हैं मंत्री नितेश राणे

Demand Ban on Burqa in Maharashtra board exams: महाराष्ट्र में कंकावली से भाजपा विधायक नितेश राणे मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास विभाग के मंत्री हैं. वो अक्सर मुसलमानों के खिलाफ नफरतअंगेज़ बयान देते रहते हैं. महाराष्ट्र बोर्ड एग्जाम के पहले उन्होंने एग्जाम में मुस्लिम लड़कियों के बुर्का पहनकर एग्जाम देने पर पाबन्दी की मांग की है. 

AI आधारित प्रतीकात्मक तस्वीर

Demand Ban on Burqa in Maharashtra board exams: महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने बुधवार को महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की अगले महीने होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के दौरान बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाने का मुतालबा किया है. कक्षा 10 के लिए महाराष्ट्र माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा 21 फरवरी से शुरू होगी जबकि कक्षा 12 के लिए उच्चतर माध्यमिक प्रमाणपत्र परीक्षा 11 फरवरी से शुरू होने वाली है. 

स्कूल एजुकेशन मंत्री दादा भुसे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा,  "छात्राओं को परीक्षा हॉल के अंदर बुर्का पहनने की इज़ाज़त देने से इम्तहान में नक़ल हो सकता है, और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी पैदा हो सकते हैं.10वीं और 12वीं की बोर्ड एग्जाम में बैठने वाली स्टूडेंट्स को बुर्का पहनने की इज़ाज़त नहीं दी जानी चाहिए. अगर ज़रूरी हो, तो जांच करने के लिए महिला पुलिस अफसर या महिला मुलाजिम की नियुक्त की जानी चाहिए."  

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भाजपा नेता ने कहा, "किसी भी अप्रिय घटना के हालात में सामाजिक और कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिससे छात्र मुतासिर हो सकते हैं. "  ये परीक्षाएं छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, और इन्हें पारदर्शी तरीके से, धोखाधड़ी जैसे किसी भी कदाचार से मुक्त होकर आयोजित किया जाना चाहिए." वहीँ,  अधिकारियों ने बताया कि स्कूली शिक्षा मंत्रालय ने अभी तक उनकी मांग का जवाब नहीं दिया है.

कंकावली से विधायक राणे के पास मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास विभाग हैं. वो अक्सर मुस्लिम मुद्दों पर भड़काऊ और नफरत भरे बयान देने के लिए जाने जाते हैं.  बोर्ड एग्जाम के पहले अब उन्होंने स्टूडेंट के बुर्का का मामला उठाकर इसे हवा देने की कोशिश की है. इससे पहले कर्णाटक में 2 साल पहले हिजाब पहनकर क्लास में जाने और एग्जाम देने को लेकर भारी विवाद हुआ था. इस वजह से मुस्लिम लड़कियों के एक ग्रुप को एग्जाम छोड़ना पड़ गया था. बाद में इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बुर्का इस्लाम का अनिवार्य या मूल भूत सिद्धांत का हिस्सा नहीं है. 
 

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