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सऊदी अरब का मुस्लिम देशों के लिए खास तोहफा, उमराह करने वाले की हो गई बल्ले-बल्ले

सऊदी अरब में हर साल लाखों लोग उमरा करने जाते हैं. भारत से भी लाखों की संख्या में लोग उमरा और हज करने जाते हैं. साल 2024 में दुनिया भर से करीब 20 लाख मुसलमान उमरा करने के लिए सऊदी अरब पहुंच चुके थे. ऐसे में लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए सऊदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.  

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सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने खाड़ी सहयोग परिषद (JCC) देशों के नागरिकों के लिए उमराह प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए नई सुविधाओं का ऐलान किया है, ताकि अकीदतमंदों को उमराह करने में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े और सफर आसान हो जाए.

 

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मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि जीसीसी के नागरिक किसी भी समय मुख्तलिफ जगहों और हवाई एंट्री पॉइंट के माध्यम से उमराह करने के लिए सऊदी अरब की यात्रा कर सकते हैं. 

 

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अकदीतमंद "नुसुक" ऐप के माध्यम से आसानी से अपने उमराह परमिट प्राप्त कर सकते हैं, जो आवश्यक चरणों को पूरा करने के लिए एक सुव्यवस्थित और यूजर्स के अनुकूल प्रक्रिया प्रदान करता है.

 

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मंत्रालय ने मदीना में अल रावदा अल शरीफा की यात्रा करने के इच्छुक लोगों के लिए "नुसुक" ऐप के माध्यम से प्री-बुकिंग के महत्व पर भी जोर दिया ताकि आगंतुकों के लिए बेहतर संगठन और अधिक आरामदायक आध्यात्मिक अनुभव सुनिश्चित किया जा सके.

 

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हज और उमराह मंत्रालय ने कहा कि यह तीर्थयात्रियों के लिए सेवाओं को बढ़ाना जारी रखेगा, जिसका उद्देश्य मक्का और मदीना तक उनकी पहुँच को सुविधाजनक बनाना और आस्था से भरे माहौल में एक सहज आध्यात्मिक यात्रा बनाना है.

 

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गौरतलब है कि JCC की स्थापना 25 मई, 1981 को रियाद, सऊदी अरब में हुई थी. इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच समन्वय, एकीकरण और अंतर्संबंध को बढ़ाना है. इसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

 

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सितंबर 2024 तक, दुनिया भर से करीब 20 लाख मुसलमान उमराह करने के लिए सऊदी अरब पहुंच चुके थे. पिछले साल करीब एक करोड़, 30 लाख लोगों ने उमरा किया था.