नई दिल्ली: Trump and Putin Friendship: अमेरिका में राष्ट्रपति पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप की नजर रूस-यूक्रेन युद्ध पर है. ट्रंप ने 100 दिन के भीतर इस जंग को रोकने का प्लान बनाया है. उन्होंने रूस को वार्ता की मेज पर आने और उसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की बात कही है. अब खबर ये है कि रूस भी युद्ध रोकने पर ट्रंप से चर्चा करने के लिए तैयार हो गया है. यहां तक की रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी ट्रंप की तारीफ की है. लोग हैरान है कि जो देश दुश्मन हुआ करते थे, उनके प्रमुखों में इतनी करीबी कैसे आई? इस करीबी का राज 7 साल पुराना है.
पुतिन ने बांधे ट्रंप की तारीफों के पुल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा- यदि अमेरिका में 2020 के चुनाव डोनाल्ड ट्रंप की जीत नहीं छीनी गई होती, तो संभवतः 2022 का ये संकट (रूस-यूक्रेन युद्ध) नहीं होता. यदि ट्रंप तब सत्ता में होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने पर बातचीत हो सकती थी. पुतिन ने ट्रंप को 'स्मार्ट और व्यवहारिक व्यक्ति' बताते हुए दावा किया कि 2020 के चुनाव में ट्रंप के साथ धांधली हुई.
ट्रंप भी पढ़ चुके पुतिन की शान में कसीदे
साल 2022 में पुतिन ने यूक्रेन के एक क्षेत्र को आजाद घोषित कर दिया था. तब ट्रंप ने पुतिन को जीनियस बताते हुए कहा था- 'मैं कहता हूं कि ये कितना स्मार्ट कदम है. वे शांतिदूत बनने जा रहा है. वो सबसे मजबूत शांति के दूत हैं.' इससे पहले भी ट्रंप ने पुतिन की कई बार तारीफ की थी.
यहां से शुरू हुई थी दोस्ती
ट्रंप और पुतिन की दोस्ती साल 2018 में शुरू हुई थी. इससे पहले दोनों के एक-दूसरे से तल्ख रिश्ते हुआ करते थे. 16 जुलाई, 2018 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में मुलाकात की थी. यह दोनों के बीच पहली मुलाकात थी. तब पुतिन ने कहा था- 'समय आ गया है जब हम अपने संबंधों और दुनिया की समस्याओं के बारे में ईमानदारी से बात करें.' फिर ट्रंप ने कहा था- ' मैं सच कहूं तो हम बीते कई सालों से साथ नहीं हैं. मेरा ये मानना है कि दुनिया हमें साथ देखना चाह रही है.. हम दोनों महान परमाणु शक्तियां हैं. मैं तो केवल बीते दो वर्षों से राष्ट्रपति हूं, मगर मुझे उम्मीद है कि हमारा रिश्ता असाधारण रहेगा.' इस मुलाक़ात के बाद ट्रंप ने ये भी कहा था कि रूस ने कभी भी अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप नहीं किया. इस मीटिंग के बाद से ही दोनों अच्छे दोस्त बन गए. ट्रंप के कार्यकाल में फिर पुतिन ने कोई बड़ी अड़चन नहीं डाली. अब भी ट्रंप की जीत के बाद रूस के तेवर अमेरिका के प्रति नरम पड़ गए.
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