नई दिल्ली: Republic Day Customs: 26 जनवरी, 2025 को देश 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. इस दिन देश की सेना के तीनों अंग जल, थल और वायु के सैनिक कदमताल करते हुए नजर आते हैं. कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड देश के शौर्य और वीरता को दर्शाती है. इस बार के गणतंत्र दिवस पर भी ये देखने को मिलेगी. आजादी के अमृत काल में यह समारोह मनाया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी के समारोह में आज भी अंग्रेजों के कुछ नियम फॉलो होते हैं. चलिए, ऐसे कुछ नियमों के बारे में जानते हैं...
ब्रिटिश शासन के दौरान होती थी परेड
दरअसल, गणतंत्र दिवस पर शक्ति और ताकत का प्रदर्शन करने का रिवाज अंग्रेजी हुकूमत के समय से चला आ रहा है. अंग्रेजों के जमाने में विशेष समारोह में जो परेड होती थी, उसमें भी दुनिया के सामने वे अपनी ताकत का प्रदर्शन किया करते थे.
प्रमुख को सलामी देने का नियम
भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर देश राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, यह एक महत्वपूर्ण रिवाज है. यह परंपरा अंग्रेजों के समय से ही चली आ रही है, तब गवर्नर-जनरल को सलामी दी जाती थी.
21 तोपों की सलामी का रिवाज
रिपब्लिक डे के अवसर पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है. ये रिवाज भी अंग्रेजों के जमाने से जुड़ा हुआ है. भारत ने आजादी मिलने और संविधान लागू होने के बाद भी ये रिवाज़ कायम रखा. अंग्रेज अपने जमाने में कुछ खास मौकों पर 21 तोपों की सलामी दिया करते थे. गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के अलावा कुछ अन्य खास मौकों पर भी भारत में सलामी दिए जाने का रिवाज है. अंग्रेजों के शासनकाल में 25 पाउंडर आर्टिलरी से यह सलामी होती थी. फिर इन्हें स्वदेशी तोपों से बदल दिया. 21 तोपों की सलामी के लिए हर 2.25 सेकंड के अंतराल में एक गोला दागा जाता है.
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