नई दिल्लीः UPSC: सिविल सेवा परीक्षा के लिए आयु सीमा (एज लिमिट) और परीक्षा प्रयासों (अटेम्प्ट) की संख्या बढ़ाने को लेकर बड़ा अपडेट आया है. इस संबंध में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सिविल सेवा परीक्षाओं के संदर्भ में प्रयासों की संख्या और आयु-सीमा के मौजूदा प्रावधानों को बदलना व्यवहार्य नहीं पाया है.
कोर्ट के सामने आया था मामला
उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कोविड-19 के कारण सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को आयु-सीमा में छूट और एक अतिरिक्त प्रयास देने का विषय कुछ उम्मीदवारों की रिट याचिकाओं के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के समक्ष आया था.
'मौजूदा प्रावधानों को बदलना व्यावहारिक नहीं'
उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के फैसलों के आधार पर मामले पर विचार किया गया और सिविल सेवा परीक्षाओं के संदर्भ में प्रयासों की संख्या और आयु-सीमा के मौजूदा प्रावधानों को बदलना व्यवहार्य नहीं लगा.’
SSC ने दी है छूट
सिंह ने कहा कि हालांकि कोविड-19 के कारण कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के भर्ती चक्र में देरी हुई है. इसलिए 2022 में जिन परीक्षाओं के विज्ञापन निकाले जा रहे हैं, उनके लिए एसएससी ने आयु निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण तारीख एक जनवरी, 2022 तय करने का फैसला किया है.
जनरल वर्ग को मिलते हैं 6 मौके
बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए देश में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 6 मौके मिलते हैं. वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) अभ्यर्थी 9 बार यूपीएससी परीक्षा दे सकते हैं. एससी और एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयुसीमा निर्धारित नहीं है.
परीक्षा के लिए न्यूनतम उम्र है 21 साल
वहीं, सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लेने की न्यूनतम उम्र 21 साल और अधिकतम उम्र 32 साल है. ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 3 साल, एससी व एसटी वर्ग को 5 साल और शारीरिक रूप से अक्षम अभ्यर्थियों को 10 साल की छूट मिलती है.
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