'22 जनवरी के बाद लोग आएं अयोध्या', जानें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने क्यों की यह अपील

चंपत राय ने कहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दिन अपने स्थान पर आनंद मनाइये, भजन कीर्तन कीजिए, मिठाई बांटिए, त्योहार मनाइये. देश के करोड़ों घरों के दरवाजे दीपक से प्रकाशित करें. हम समाज को ये सूचित कर रहे हैं 22 जनवरी के बाद अयोध्या आइये.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 4, 2023, 06:52 PM IST
  • चंपत राय ने की है लोगों से अपील.
  • 22 जनवरी के बाद आएं अयोध्या.
'22 जनवरी के बाद लोग आएं अयोध्या', जानें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने क्यों की यह अपील

अयोध्या. अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर राम मंदिर का निर्माण बेहद तेज गति से जारी है. इस बीच श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जारी बयान में कहा कि हम नहीं जानते अयोध्या में 22 जनवरी को 25 हजार लोग आयेंगे या 25 लाख, लेकिन हमारा निवेदन यही है कि 22 जनवरी के बाद अयोध्या आएं. 

चंपत राय ने कहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दिन अपने स्थान पर आनंद मनाइये, भजन कीर्तन कीजिए, मिठाई बांटिए, त्योहार मनाइये. देश के करोड़ों घरों के दरवाजे दीपक से प्रकाशित करें. हम समाज को ये सूचित कर रहे हैं 22 जनवरी के बाद अयोध्या आइये.

मेहमानों को आमंत्रण पत्र भेजने का क्रम तेज
दरअसल रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बेहद भव्य बनाने की तैयारी है. इसी क्रम में मेहमानों को आमंत्रण भेजने का क्रम तेज कर दिया गया है. ट्रस्ट की ओर से मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले कारसेवकों के परिजनों को भी आमंत्रित किया जा रहा है. 1990 के गोलीकांड में मारे गए शरद व रामकुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी रविवार को अयोध्या पहुंचीं.

'न भूतो न भविष्यति' की तर्ज पर होगा कार्यक्रम
चंपत राय ने पूर्णिमा से मुलाकात की है. पूर्णिमा ने रामलला के दर्शन भी किए. जानकारों ने बताया कि 'न भूतो न भविष्यति' की तर्ज पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा. 18 जनवरी से प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगाी. विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश, अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा. काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, काशी विद्वत परिषद समेत काशी के संतों को आमंत्रण भेजा गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए 15 जनवरी से काशी से रवानगी शुरू हो जाएगी.

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