Acharya Pramod Krishnam: BJP में शामिल हो सकते हैं प्रमोद कृष्णम, जानें यूपी की किस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव?

Acharya Pramod Krishnam: प्रमोद कृष्णम ने साल 2019 में उन्होंने लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने लोकसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन वो हार गए थे. इस बार वह भाजपा की टिकट पर संभल से चुनाव लड़ सकते हैं. 

Last Updated : Feb 21, 2024, 12:23 PM IST
  • 2019 में भी लड़ चुके हैं चुनाव
  • अब BJP से बढ़ रहीं करीबियां
Acharya Pramod Krishnam: BJP में शामिल हो सकते हैं प्रमोद कृष्णम, जानें यूपी की किस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव?

नई दिल्ली: Acharya Pramod Krishnam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कल्कि मंदिर की आधारशिला रखी है. उन्हें कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यहां आने के लिए आमंत्रित किया था. आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम के पीठाधीश्वर भी हैं. उन्हें कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित किया था. 

भाजपा से बढ़ रही हैं नजदीकियां
आचार्य प्रमोद कृष्णम की भाजपा से करीबियां बढ़ रही हैं. जब कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से इनकार कर दिया था, तब भी प्रमोद कृष्णम यहां गए थे. फिर कांग्रेस ने उन्हें अनुशासनहीनता करने के लिए 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. तब उन्होंने पार्टी के फैसले पर कहा, 'राम और राष्ट्र से समझौता नहीं किया जा सकता.' आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में खा था मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी जैसा कोई दूसरा पीएम न तो अतीत में हुआ और न ही भविष्य में होगा. 

यूपी की संभल सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
लंबे समय से ऐसी चर्चा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम लोकसभ चुनाव से पहले BJP में शामिल हो सकते हैं. माना जा रहा है कि भाजपा प्रमोद कृष्णम को संभल सीट से टिकट दे सकती है. यह सीट भाजपा के लिए हमेशा से चुनौती रही है. बीते लोकसभा चुनाव में यहां सपा से डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने जीत दर्ज की थी. बता दें कि ये मुस्लिम बहुसंख्य सीटक है. इस इलाके में मुस्लिमों की आबादी 70% से ज्यादा है. 

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?
आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम पीठाधीश्वर होने के साथ-साथ एक नेता भी हैं. साल 2019 में उन्होंने लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने लोकसभा चुनाव लड़ा था. प्रमोद कृष्णम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार हैं. लेकिन बीते कुछ महीनों में वह कांग्रेस से खफा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पीएम से मिलना आसान है, जबकि राहुल गांधी से मैं एक साल से मिलना चाह रहा हूं, लेकिन मीटिंग नहीं हो पा रही. 

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