Swami Chinmayanand को नहीं मिलेगी पीड़िता के बयान की कॉपीः Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 7 नवंबर 2019 के आदेश के खिलाफ शाहजहांपुर कानून की छात्रा की अपील पर फैसला सुनाया जिसमें कहा गया था कि चिन्मयानंद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने के हकदार हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 8, 2020, 01:14 PM IST
    • पिछले साल सितंबर में यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) की मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तारी हुई थी
    • SIT टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था.
Swami Chinmayanand को नहीं मिलेगी पीड़िता के बयान की कॉपीः Supreme Court

नई दिल्लीः दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से गुरुवार को झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें उन्हें पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी देने को कहा गया था. इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 7 नवंबर 2019 के आदेश के खिलाफ शाहजहांपुर कानून की छात्रा की अपील पर फैसला सुनाया जिसमें कहा गया था कि चिन्मयानंद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने के हकदार हैं.

फरवरी में कोर्ट ने दी थी जमानत
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल सितंबर में यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand)  की मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तारी हुई थी.  SIT टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था. इसी साल फरवरी में कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी.

चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand)  पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था. 

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यह है मामला
24 अगस्त 2019 को स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से पीड़िता लापता हो गई थी.

तब पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर स्थित कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था लेकिन इससे पूर्व स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने एक अज्ञात मोबाइल नंबर पर 5 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का मामला दर्ज करा दिया था.

दौसा से बरामद की गई थी पीड़िता
पीड़िता को स्थानीय पुलिस ने राजस्थान के दौसा से बरामद किया. तभी सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए पीड़िता को न्यायालय में पेश करने का आदेश किया और उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे मामले के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करके उसे जांच कराने का निर्देश दिया.

एसआईटी ने तकरीबन 3 माह से चल रही इस जांच में स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) के अलावा रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़िता समेत संजय, विक्रम सचिन को जेल भेज दिया, जबकि भाजपा के दो नेताओं को भी रंगदारी मांगने के आरोप में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था.

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