सुप्रीम कोर्ट का आदेश:15 दिन में घर भेजे जाएं मजदूर, लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे रद्द

देश की शीर्ष अदालत ने कोरोना संक्रमण के बीच मजदूरों के सम्बंध में बड़ा आदेश दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने 15 दिन में सभी मजदूरों को उनके गृह नगर तक पहुंचाने का आदेश केंद्र सरकार को दिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 9, 2020, 12:15 PM IST
    • लॉकडाउन उल्लंघन के केस बन्द
    • अधिक श्रमिक ट्रेनों का किया जाए प्रबंध
    • रेल मंत्रालय 24 घंटे में आवश्यक श्रमिक ट्रेनों का प्रबंध करे
    • 15 दिन में घर भेजे जाएं मजदूर
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:15 दिन में घर भेजे जाएं मजदूर, लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे रद्द

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज लॉकडाउन की वजह से देश के भिन्न भिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों को लेकर सुनवाई हुई. इसमें अदालत ने केंद्र सरकार को बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 15 दिन के भीतर सभी मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और सभी राज्य सरकारें इसमें केंद्र का सहयोग करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेल मंत्रालय से कहा कि  24 घंटे में आवश्यक श्रमिक ट्रेनों का प्रबंध करे.

लॉकडाउन उल्लंघन के केस बन्द

सुप्रीम कोर्ट ने उन मजदूरों पर से केस हटाने का भी आदेश दिया है जिन मजदूरों पर पैदल चलने के कारण लॉक डाउन के उल्लंघन का मुकदमा हुआ था. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के मुताबिक मजदूरों को घर भेजने का  इंतजाम किया जाए. श्रमिकों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप में  दर्ज सारी शिकायतें और मुकदमे वापस और रद्द किए जाएं.

अधिक श्रमिक ट्रेनों का किया जाए प्रबंध

 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य 15 दिन में बचे हुए श्रमिकों को उनके गांवों तक भेजें. श्रमिक ट्रेन ज्यादा चलाई जाएं ताकि उनको यात्रा के लिए अप्लाई करने के 24 घंटे में ही ट्रेन मिल जाए. न्यायालय ने आदेश में कहा कि पलायन करने का मन बना चुके प्रवासी श्रमिकों को आज से 15 दिनों के अंदर अपने गांव या जहां वो जाना चाहें, भेजने का समुचित इंतजाम सुनिश्चित किया जाय. राज्य श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की स्कीम तैयार करें.

मजदूरों को रोजगार देने के लिए राज्य बनाएं योजना

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है. इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को सभी स्कीम का लाभ दिया जाए और स्कीमों के बारे में मजदूरों को बताया भी जाए.

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आपको बता दें कि प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इस मामले में 5 जून को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सभी प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए आपको 15 दिन का समय देंगे.

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