Gujrat High Court ने चेताया, रैली में मास्क न पहनने वाले नेताओं पर हो सख्त जुर्माना

 सोमवार को उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भी मास्क न पहनने वाले लोगों-राजनीतिज्ञों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कीजिए और जुर्माना वसूल कीजिए. मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला की पीठ ने स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकारी वकील को इस मामले में कार्रवाई करने की चेतावनी दी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 6, 2020, 12:49 PM IST
    • हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
    • ए सरकारी वकील को इस मामले में कार्रवाई करने की चेतावनी दी.
Gujrat High Court ने चेताया, रैली में मास्क न पहनने वाले नेताओं पर हो सख्त जुर्माना

गांधीनगरः Corona को लेकर लोगों की ओर से बरती जा रही लापरवाही पर हाई कोर्ट सख्त हो गया है. लोग ही नहीं बल्कि जन प्रतिनिधि भी कोरोना को लेकर सावधानी नहीं बरत रहे हैं. गुजरात उच्च न्यायालय (Gukrat High Court)  ने कोरोना के दौर में लोगों-नेताओं के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और बर्ताव के साथ ही सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने पर चिंता जताई है. 

स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई की
इस मामले में सोमवार को उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भी मास्क न पहनने वाले लोगों-राजनीतिज्ञों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कीजिए और जुर्माना वसूल कीजिए. मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला की पीठ ने स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकारी वकील को इस मामले में कार्रवाई करने की चेतावनी दी. 

अदालत ने यह भी सवाल उठाया है कि सरकार ने रैली निकालने वाले नेताओं के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया. साथ ही अदालत के बार-बार पूछने पर भी सरकार ने क्यों जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. 

साढ़े छह करोड़ जुर्माना वसूला
कोरोना के फैलाव और संक्रमण के रोकथाम के सिलसिले में सार्वजनिक रूप से थूकने पर जुर्माना वसूला जा रहा है. राजकोट में सबसे ज्यादा 1,51,669 लोगों से 6.50 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है. इसपर High Court ने कहा कि यह एक बड़ी राशि है.  अदालत को लगता है कि सरकार इसका योग्य उपयोग करेगी. 

इसके पहले गुजरात हाई कोर्ट ने एक धार्मिक आयोजन पर आपत्ति जताई थी. जिसमें एक धार्मिर जुलूस निकाला गया और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. हाइकोर्ट ने इस तरह निकले जुलूस में Covid-19 संबंधी नियम टूटने पर नाराजगी जताई थी.

कोर्ट ने खंभात की खाड़ी में निकाले गए जुलूस को लेकर टिप्पणी की, कोरोना काल में जुलूस नहीं निकालेंगे तो इसे भगवान भी समझेंगे. जुलूस के दौरान भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे, साथ ही यहां स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही भी बरती गई थी. 

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