हाल के दिनों में खूब हुआ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोगः Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में गुरुवार को तबलीगी जमात (Tablighi jamaat) की छवि खराब करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हो रही थी, इस दौरान कोर्ट यह टिप्पणी की साथ ही कोर्ट ने ठोस हलफनामा दाखिल न करने को लेकर केंद्र को फटकार लगाई है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 8, 2020, 04:40 PM IST
    • गुरुवार को तबलीगी जमात (Tablighi jamaat) की छवि खराब करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हो रही थी
    • जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी पीठ
हाल के दिनों में खूब हुआ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोगः Supreme Court

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बेहद ही महत्वपूर्ण टिप्पणी की. कोर्ट ने संवैधानिक अधिकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of speech and expression) के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई. कोर्ट ने कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of speech and expression) का हाल के दिनों में सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ है. जिस समय Supreme court ने यह टिप्पणी की, तब कोर्ट Tablighi case को लेकर सुनवाई कर रही थी. 

केंद्र को लगाई फटकार
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में गुरुवार को तबलीगी जमात (Tablighi jamaat) की छवि खराब करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हो रही थी, इस दौरान कोर्ट यह टिप्पणी की साथ ही कोर्ट ने ठोस हलफनामा दाखिल न करने को लेकर केंद्र को फटकार लगाई है.

जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोप लगाया कि मीडिया का एक वर्ग COVID-19 महामारी की शुरुआत के दौरान तब्लीगी जमात की मंडली पर सांप्रदायिक नफरत फैला रहा था. 

जमात की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे 
शीर्ष अदालत ने कहा कि अभी हाल के दिनों में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे अधिक दुरुपयोग हुआ है. जमात की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि याचिकाकर्ता 'बोलने और अभिव्यक्ति' की स्वतंत्रता का हनन करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस पर पीठ ने कहा वे अपने हलफनामे में किसी भी तरह का टालमटोल करने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसे कि आप कोई भी तर्क देने के लिए स्वतंत्र हैं.

पीठ ने इस बात पर भी नाराजगी जताई 
पीठ इस बात से नाराज हो गई कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव के बजाए एक अतिरिक्त सचिव ने हलफनामा दाखिल किया जिसमें तबलीगी जमात मामले में मीडिया रिपोर्टिंग के संबंध में ‘गैरजरूरी’ और ‘अतर्कसंगत’ बातें लिखी हैं. इस पर भी पीठ ने नाराजगी जताई. सीजेआई समेत जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि आप इस अदालत में इस तरह से व्यवहार नहीं कर सकते हैं. 

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