कब है परमा एकादशी , ये उपाय करने से माता लक्ष्मी खुद भरेंगी आपकी तिजोरी

परमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और आरोग्य की भी  प्राप्ति होती है.इस दिन, भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 8, 2023, 04:55 PM IST
  • लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें.
  • विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
कब है परमा एकादशी , ये उपाय करने से माता लक्ष्मी खुद भरेंगी आपकी तिजोरी

नई दिल्ली: सावन में 12 अगस्त 2023 को परमा एकादशी शनिवार को मनाई  जाएगी. यह साल का दूसरा मास है, जो अधिक मास (अतिरिक्त माह) के शुक्ल पक्ष में पड़ता है. परमा तिथि को हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है.  ऐसा माना जाता है कि इस दिन मोक्ष प्राप्ति के साथ-साथ आयु, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य जैसे अन्य लाभ भी मिलते हैं. 
 
परमा एकादशी व्रत विधि

1. सुबह जल्दी स्नान करें और अपने घर और मंदिर को साफ करें. पीले वस्त्र पहनें.
2. व्रत के लिए सभी सामान एक साथ मंदिर में रख लें, जैसे फल, धूप, दीपक और दूध.
3. शाम को, भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णुजी की कथा पढ़ें. 
4. भगवान विष्णु को प्रसाद में केला और खीर चढ़ायें.
5. भगवान विष्णु की पूजा करकें ,फल और दूध से अपना व्रत खोलें. आप साबूदाने से बनी खीर भी खा सकते हैं.
6. परमा एकादशी के दिन, सूर्य को भी जल चढ़ायें. जल में चीनी या गुड़ डालकर चढ़ायें.
7. परमा एकादशी के दिन तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
8. शाम को 2 दीपक जलाकर एक तुलसी के पौधे के पास और एक घर की चौखट पर रख दें. 
9. भगवान विष्णु के साथ माँ लक्ष्मी की भी पूजा करें. 
10. लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें . गुलाब का एक फूल लक्ष्मी जी के चरणों में अर्पित करें.

परमा एकादशी से जुड़ी कहानियां 

1. ऋषि कश्यप से जुड़ी कथा 
एक बार की बात है, एक राजा था जिसका नाम मंधाता था. वह बहुत बड़े भगवान विष्णु के भक्त थे. वह मोक्ष प्राप्त करना चाहते थे.  एक दिन, उन्हें एक ऋषि कश्यप के दर्शन हुए, ऋषि कश्यप ने उन्हें परमा एकादशी के महत्व के बारे में बताया.  उन्होंने कहा कि यदि राजा इस दिन भक्ति के साथ आगे बढ़ें, तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी. राजा ने ऋषि के उपदेश का पालन किया और परमा लक्ष्मी का स्थान ग्रहण किया.  उन्होंने भगवान विष्णु से पूरे मन से प्रार्थना की.  अगले दिन, उन्हें भगवान विष्णु ने दर्शन दिये, व्रत करने से राजा मंधाता को मोक्ष की प्राप्ति हो गईं. 

2. महाभारत काल से जुड़ी कथा 
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार अर्जुन ने भगवान कृष्ण से अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम और व्रत विधि के बारे में पूछा. भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि इस एकादशी को परमा एकादशी कहा जाता है, और इसका व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है , मोक्ष की प्राप्ति होती है.

3. कलयुग से जुड़ी कथा
एक बार, काम्पिल्य नगर में एक धर्मात्मा ब्राह्मण रहता था. उसका नाम सुमेधा था. उसकी पत्नी अत्यंत पतिव्रता थी. लेकिन पूर्व के किसी पाप के कारण, यह दम्पति अत्यन्त दरिद्र था. एक दिन, सुमेधा ने अपनी पत्नी से कहा कि वह परदेश जाकर धन कमाएगा ताकि उनकी गरीबी दूर हो सके. सुमेधा के जाते ही उसकी पत्नी ने व्रत रखना शुरू कर दिया.वह भगवान विष्णु की पूजा करती थी और उप्रार्थना करती थी कि वे सुमेधा को धन और समृद्धि प्रदान करें. 

कुछ समय बाद, सुमेधा ने परदेश में धन कमाया और वापस अपने घर लौट आया.  उसने अपनी पत्नी को बताया कि उसने बहुत धन कमाया है और अब वे गरीबी से मुक्त हो गए हैं. सुमेधा की पत्नी ने बताया कि उसने परमा एकादशी का व्रत रखा था और भगवान विष्णु की कृपा से ही सुमेधा धनवान हो पाया था. सुमेधा और उसकी पत्नी ने परमा एकादशी का व्रत बहुत ही श्रद्धा और भक्ति के साथ शुरू कर दिया. उन्होंने भगवान विष्णु की पूजा की उन्होंने भगवान विष्णु से अपने सभी पापों के लिए क्षमा भी मांगी.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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