Kim Jong Un train: किम जोंग उन रूस पहुंचने वाले हैं. कोविड महामारी के बाद पहली बार वो किसी विदेश यात्रा पर गए हैं. सामान्य लोग, विदेश जाने के लिए अक्सर हवाई यात्रा करते हैं. लेकिन उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति Kim Jong Un, अपनी ज्यादातर विदेश यात्राएं, ट्रेन से करते हैं.
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Kim Jong Un train: तानाशाह किम जोंग उन रूस पहुंचने वाले हैं. लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि Kim Jong Un करीब 4 साल बाद विदेश यात्रा पर निकले हैं. कोविड महामारी के बाद पहली बार वो किसी विदेश यात्रा पर गए हैं. सामान्य लोग, विदेश जाने के लिए अक्सर हवाई यात्रा करते हैं. लेकिन उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति Kim Jong Un, अपनी ज्यादातर विदेश यात्राएं, ट्रेन से करते हैं.
वर्ष 2011 में Kim Jong Un, उत्तर कोरिया का राष्ट्रपति बनने के बाद से वो 2 बार दक्षिण कोरिया, और 7 बार, विदेश यात्रा पर गए हैं. इनमें से वो 4 बार चीन, 1-1 बार रूस, सिंगापुर और वियतनाम गए हैं. दक्षिण कोरिया की यात्रा उन्होंने ट्रेन से की थी, वहीं अपनी अन्य 7 विदेश यात्राओं में से वो 4 में ट्रेन से गए हैं और 3 में हवाई जहाज से गए हैं. यानी देखा जाए तो Kim Jong Un, को विदेश जाने के लिए हवाई जहाज के मुकाबले ट्रेन पर ज्यादा भरोसा है. ये भरोसा Kim Jong Un को ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार को ही रहा है.
Kim Jong Un के दादा Kim iL Sung ने उत्तर कोरिया की राजधानी Pyongyang से Russia की राजधानी Moscow तक की 20 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा ट्रेन से ही की थी. इस यात्रा में उन्हें 24 दिन लगे थे. Kim Jong Un के पिता Kim Jong il ने भी कई बार चीन और रूस की यात्रा ट्रेन से ही की थी. Kim Jong Un की इस ट्रेन यात्रा में उन्हें रूस के Vladivostok पहुंचने में 20 घंटे लगे.
Kim Jong iL का निधन वर्ष 2011 में ट्रेन यात्रा के दौरान ही हो गई थी. मृत्यु के बाद उनके BodyGaurd ने दक्षिण कोरिया की मीडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि Kim Jong iL को हवाई यात्राओं से डर लगता था. डर ये था कि हवाई यात्रा के दौरान अगर उन पर हमला हुआ, तो बचने की संभावना ना के बराबर होती है. जबकि ट्रेन पर हुए हमले में बचने की संभावना ज्यादा होती है. अब आपके दिमाग में ये सवाल होगा कि अगर उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति ट्रेन यात्रा पर ही भरोसा करते हैं. तो इस ट्रेन की खासियतें क्या होती हैं.
Kim Jong Un की इस ट्रेन का नाम है 'ताईयांघो'. कोरियाई भाषा में सूर्य को 'ताईयांघो' कहते हैं. इसे उत्तर कोरिया के संस्थापक Kim iL Sung से भी जोड़ा जाता है. इस ट्रेन में बड़ी संख्या में उत्तर कोरिया की सेना के जवान मौजूद रहते हैं. ये लग्जरी ट्रेन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ होती है, इसमें बम धमाके सहने की भी क्षमता होती है. ट्रेन में हमला करने वालों पर जवाबी हमला करने की भी क्षमता है, इसमें कई तरह के हथियार भी होते हैं. हमला होने की स्थिति में राष्ट्रपति को बचाने के लिए इसमें कई बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी रखी जाती हैं. इस ट्रेन में Confrence room, Visitor Room और Bedroom भी है. इन कमरों में राष्ट्रपति के निर्देशों को प्रसारित करने के लिए Satelite Phone भी रखे जाते हैं.
वर्ष 2009 में Kim Jong Un ने ट्रेन से 4500 किलोमीटर की यात्रा करके वियतनाम गए थे. इस यात्रा उन्होंने ढाई दिनों में पूरी की थी. किम जोंग उन, एक ऐसे वक्त में रूस गए हैं, जब रूस को एक ऐसे साथी की जरूरत थी, जो उन्हें यूक्रेन युद्ध में सामरिक मदद तो दे ही, पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से भी ना डरे. उत्तर कोरिया पर पहले से ही, कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं, इसलिए उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है. रही बात उनकी जरूरतों की रूस उनको हर तरह की मदद दे सकता है. यही बात उत्तर कोरिया और रूस को करीब ला रही है और यही बात यूक्रेन, अमेरिका और यूरोप को परेशान कर रही है.