Who is Italy PM: साल 2008 में जब जॉर्जिया 31 साल की थीं, तब वह सबसे युवा मंत्री बनी थीं. इसके चार साल बाद उन्होंने ब्रदर्स ऑफ इटली नाम की पार्टी बनाई थी. वह खुद को मुसोलिनी की वारिस बताती हैं. आइए आपको बताते हैं उनके बारे में.
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Italy Pm Giorgia Meloni: भारत ने अगले जी20 सम्मेलन के लिए ब्राजील को कमान सौंप दी है. इसी के साथ भारत में जी20 सम्मेलन का सफल समापन हो गया. 9 और 10 सितंबर को आयोजित इस कार्यक्रम में शरीक होने दुनिया के कई ताकतवर देशों के नेता पहुंचे थे. इन मेहमानों में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अलावा ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल हैं. लेकिन जिस महिला पीएम ने सबका ध्यान खींचा, वह थीं इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी. सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी खूबसूरती की जमकर तारीफ की. वह तस्वीरों में पीएम मोदी से बातें करती और हाथ मिलाती नजर आ रही हैं. एक वायरल वीडियो में वह पीएम मोदी की तारीफ भी कर रही हैं.
इस वीडियो में वह कहती हैं, 'इटली सरकार भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत करेगी. मुझे यकीन है कि हम साथ मिलकर काफी कुछ हासिल कर सकते हैं. मुझे विश्वास नहीं है कि मैं अप्रूवल रेटिंग में पीएम मोदी के बराबर आ पाऊंगी. वह विश्व में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले व्यक्ति हैं.'
कौन हैं जॉर्जिया मेलोनी
जॉर्जिया मेलोनी बेहद कम उम्र में भी लोगों के बीच पॉपुलर हो गई थीं. देखने में खूबसूरत होने के साथ-साथ वह दक्षिणपंथी नेता हैं. उनके बयान और विचार अखबारों की सुर्खियां बनते रहे हैं. उनकी पार्टी का नाम है ब्रदर्स ऑफ इटली. पिछले ही साल उन्होंने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया था. वह खुद को मुसोलिनी का वारिस तक बता चुकी हैं.
उन पर फासीवादी, LGBT, इस्लामोफोबिक होने के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि वह लगातार अपनी इमेज सुधारने पर जोर दे रही हैं. वह यहां तक कह चुकी हैं कि फिलहाल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के लिए उनके पास टाइम नहीं है. वह नाटो समर्थक होने के साथ-साथ युद्ध में यूक्रेन के पक्ष में हैं. लेकिन दिलचस्प बात है कि उनकी सरकार में जो दो गठबंधन पार्टियां हैं, उनके रूस से अच्छे संबंध हैं.
मुसलमानों को लेकर अपने बयानों के कारण भी वह काफी सुर्खियों में रही हैं. इसके अलावा उन्होंने एलजीबीटी के अधिकारों के खिलाफ भी अभियान चलाया हुआ है.
मुस्लिम प्रवासियों को बताया था खतरा
साल 2008 में वह महज 31 साल की उम्र में इटली की सबसे युवा मंत्री बनी थीं. साल 2012 में उन्होंने ब्रदर्स ऑफ इटली नाम की पार्टी बनाई. टीनेज में उन्होंने निओ फासिस्ट मूवमेंट में हिस्सा लिया था. इस मूवमेंज का आगाज इटली के पूर्व तानाशाह रहे बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों ने किया था. इसके बाद मेलोनी की साल 2021 में एक किताब आई थी, जिसका शीर्षक था-आई एम जॉर्जिया. इसमें उन्होंने खुद के फासीवादी नहीं होने पर जोर दिया था. लेकिन अपने को मुसोलिनी का वारिस भी बताया था. उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में इटली के लिए प्रवासी मुसलमानों को खतरा बताया था, जिसके बाद वह विवादों में आ गई थीं. उन्होंने आतंकवाद पर भी लगाम कसने को जरूरी बताया था.