Dhaka: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ. मतदान के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के लाखों सदस्य तैनात किए गए हैं.
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General Elections In Bangladesh : बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने चुनाव का बहिष्कार किए जाने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना का सत्ता में लौटना लगभग तय है. बताया जा रहा है, कि चुनाव से पहले हिंसा के कारण मतदान के लिए बहुत कम संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचे.
कितनी सीट पर हुआ मतदान
देश के निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर रविवार को हो रहे मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मतदान 300 निर्वाचन क्षेत्रों में से 299 सीट पर हो रहा है. एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा.
436 निर्दलीय उम्मीदवार
चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे. यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है.
75 लाख से अधिक सदस्य तैनात
मतदान के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के 75 लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा कि नतीजे आठ जनवरी की सुबह से आने की उम्मीद है.
ढाका सिटी कॉलेज
प्रधानमंत्री हसीना ने स्थानीय समयानुसार आठ बजकर तीन मिनट पर ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजिद भी उनके साथ थीं. हसीना (76) वर्ष 2009 से सत्ता में हैं और उनकी पार्टी आवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव भी जीता था.
मतदान का शुरुआती अनुमान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने बताया कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक मतदान लगभग 40 प्रतिशत था, लेकिन अभी यह आंकड़ा बदल सकता है. निर्वाचन आयोग ने बताया कि 12वें संसदीय चुनाव में अपराह्न तीन बजे तक 27.15 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. आयोग के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘(दक्षिण-पश्चिमी) खुलना प्रभाग में मतदान का प्रतिशत सबसे अधिक रहा, जहां 32 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले.
नतीजे सोमवार तड़के तक आने की उम्मीद
सबसे कम मतदान (उत्तरपूर्वी) सिलहट प्रभाग में हुआ, जहां यह आंकड़ा 22 प्रतिशत था. वर्ष 2018 के आम चुनाव में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मतदान शाम चार बजे समाप्त हो गया और मतगणना शुरू हो गई है. साथ ही बताया कि नतीजे सोमवार तड़के तक आने की उम्मीद है.
हसीना की चौथी बार जीतने की उम्मीद
बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन 2018 के चुनाव में भाग लिया था. प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं.
‘‘चुनावी गुट’’
जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है. बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं जिसे विशेषज्ञों ने ‘‘चुनावी गुट’’ का घटक सदस्य बताया है. बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
पार्टी का दावा
मुख्य विपक्षी दल ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है, कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा.
हड़ताल की घोषणा
बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है. चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया है.
हिंसा का डर
देश में 15 अन्य राजनीतिक दल भी चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. बहिष्कार के साथ ही हिंसा के डर से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से दूर रह सकते हैं. धानमंडी निवासी मोहम्मद मुनीर हसन का कहना है, कि मतदान केंद्रों पर जाने का क्या फायदा है जब चुनाव महज एक ही पार्टी के दो समूहों के बीच है? हम सभी जानते हैं कि अंत में आवामी लीग इस दौड़ को जीत लेगी. साथ ही मुनीर ने हिंसा का भी डर जताया.
14 मतदान केंद्रों पर आगजनी
शनिवार को बांग्लादेश के कम से कम 14 मतदान केंद्रों पर आगजनी की गई जिनमें से एक मतदान केंद्र राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित है.