Vivek Ramaswamy: भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी को लेकर व्हाइट हाउस ने अहम जानकारी दी है. रामास्वामी अब डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का हिस्सा नहीं रहेंगे.
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White House: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के नेतृत्व के लिए एलन मस्क के साथ भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी को चुना था. लेकिन अब व्हाइट हाउस ने सूचना दी है कि विवेक रामास्वामी अब इस पद पर नहीं रहेंगे. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप से आयोवा कॉकस हारने के बाद 38 वर्षीय एंटरप्रेन्योर विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया था. विवेक रामास्वामी ओहियो के गवर्नर के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं. ट्रंप के शपथ लेने के कुछ देर बाद ही व्हाइट हाउस ने ये सूचना दी है.
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DOGE के गठन में निभाई अहम भूमिका
ट्रंप द्वारा विवेक रामास्वामी को नामित किए जाने के बाद से वे DOGE के गठन में सक्रिय थे. इसके लिए गवर्नमेंट एफिशिएंसी कमीशन की प्रवक्ता अन्ना केली ने DOGE के गठन में मदद के लिए रामास्वामी की 'महत्वपूर्ण भूमिका' की प्रशंसा की है. साथ ही बताया कि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं जिसके लिए उन्हें DOGE से बाहर रहना होगा. लेकिन इससे पहले बीते 2 महीनों में उन्होंने DOGE के गठन में जो योगदान दिया उसके लिए हम उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं. साथ ही उम्मीद करते हैं कि वह अमेरिका को फिर से महान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
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टेक सेक्टर में बड़ा नाम हैं विवेक रामास्वामी
39 साल के विवेक रामास्वामी टेक सेक्टर में बड़ा नाम है. तमिल भाषी ब्राह्मण परिवार में जन्मे विवेक ओहायो में पले-बढ़े. जहां से अब वे गवर्नर के चुनाव में उतरना चाहते हैं. 2014 में उन्होंने बायोटेक कंपनी Roivant Sciences की स्थापना की थी, जो दवाइयों के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों से पेटेंट खरीदती हैं. उन्होंने 2021 में इस कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था. फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक, 2023 में उनकी कुल संपत्ति 63 करोड़ डॉलर के आसपास थी.
नवंबर में चुनाव नतीजे आने के बाद ट्रंप ने अपनी टीम चुनने के लिए नामों की घोषणा करनी शुरू की थी. इस दौरान उन्होंने कई भारतीय मूल के नेताओं को अपनी केबिनेट में अहम पदों पर नामित किया था, जिसमें विवेक रामास्वामी भी शामिल थे. ट्रंप ने एलन मस्क और रामास्वामी को DOGE के को-लीडर्स के रूप में नियुक्त किया था. इस विभाग का काम संघीय संचालन को सुव्यवस्थित करना और बेकार के खर्चों में कटौती करना है.