5 साल पहले जब 12 बच्‍चों की खतरे में थी जान, 10,000 लोग बचाने को उतारे; टनल हादसे जैसी है स्‍टोरी
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5 साल पहले जब 12 बच्‍चों की खतरे में थी जान, 10,000 लोग बचाने को उतारे; टनल हादसे जैसी है स्‍टोरी

Thai Cave Rescue: 2018 में एक जूनियर एसोसिएशन फुटबॉल टीम को उत्तरी थाईलैंड के चियांग राय प्रांत में एक गुफा कॉम्प्लेक्स 'थाम लुआंग नांग नॉन' से बचाया गया था. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दुनिया के कई देशों ने भाग लिया था. 

5 साल पहले जब 12 बच्‍चों की खतरे में थी जान, 10,000 लोग बचाने को उतारे; टनल हादसे जैसी है स्‍टोरी

Thai Cave Rescue 2018: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर अंडर कंस्ट्रक्शन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया. हादस में 40 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए जिन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘हम उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है... अच्छी बात ये है कि उनसे(श्रमिकों से) संपर्क स्थापित हो गया है...’

इस हादसे ने एक बार फिर थाईलैंड के गुफा रेस्क्यू ऑपरेशन की याद ताजा कर दी. जून-जुलाई 2018 में एक जूनियर एसोसिएशन फुटबॉल टीम को उत्तरी थाईलैंड के चियांग राय प्रांत में एक केव सिस्टम थाम लुआंग नांग नॉन से बचाया गया था.

23 जून को बच्चों ने किया गुफा में प्रवेश
11 से 16 वर्ष की आयु के 12 बच्चों की टीम और उनके 25 वर्षीय अस्सिटेंट कोच ने प्रैक्टिस सेशन के बाद 23 जून को गुफा में प्रवेश किया. उनके एंट्री करने के कुछ ही समय बाद, भारी बारिश शुरू हो गई और गुफा कॉम्प्लेक्स में आंशिक रूप से बाढ़ आ गई, जिससे उनका बाहर निकलने का रास्ता ब्लॉक हो गया और वे अंदर ही फंस गए.

इन लोगों को बचाने का काम काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. बढ़ते जल स्तर और तेज धाराओं के कारण इनका पता लगाने में बहुत मुश्किल आ रही थी. ये लोग एक सप्ताह से अधिक समय से संपर्क से बाहर थे.

2 जुलाई को बचावकर्ताओं ने टीम को देखा
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कई देशों की बचाव टीमों ने भाग लिया. 2 जुलाई को, संकीर्ण मार्गों और गंदे पानी से गुजरते हुए ब्रिटिश गोताखोर जॉन वोलान्थेन और रिक स्टैंटन ने टीम को गुफा के मुहाने से लगभग 4 किलोमीटर (2.5 मील) दूर एक ऊंची चट्टान पर जीवित पाया.

इसके बाद इन्हें गुफा से बाहर निकालने के कई तरीकों पर चर्चा की गई. बचाव दल ने अगली मानसून बारिश से पहले टीम को गुफा से बाहर निकालने के लिए प्रयास तेज कर दिए.  मौसम विभाग ने 11 जुलाई के आसपास बारिश शुरू होने की भविष्यवाणी की थी.

आखिरकार 8 और 10 जुलाई के बीच, सभी 12 लड़कों और उनके कोच को एक इंटरनेशनल टीम द्वारा गुफा से बचाया गया.

रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थे 10 हजार लोग
यह बचाव कार्य एक बड़े अभियान में बदल गया था. इसमें 10,000 से अधिक लोग शामिल थे, जिनमें 100 से अधिक गोताखोर, कई बचावकर्मी, लगभग 100 सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि, 900 पुलिस अधिकारी और 2,000 सैनिक शामिल थे.

दस पुलिस हेलीकॉप्टर, सात एम्बुलेंस, 700 से अधिक गोताखोरी सिलेंडर भी इस ऑपरेशन में काम आए. बचाव अभियान के  लिए गुफाओं से एक अरब लीटर से अधिक पानी निकालने की जरूरत थी.

दो बचावकर्मियों की हुई मौत
इस ऑपेरेशन में दो बचावकर्मियों की मौत हो गई. 38 वर्षीय पूर्व रॉयल थाई नेवी सील समन कुनान की 6 जुलाई को फंसे हुए लोगों को गोताखोरी सिलेंडर पहुंचाने के बाद गुफा में स्टेजिंग बेस पर लौटते समय दम घुटने से मृत्यु हो गई. अगले वर्ष, दिसंबर 2019 में, बचाव गोताखोर और थाई नेवी सील बेरुत पाकबारा की ऑपरेशन के दौरान रक्त संक्रमण से मृत्यु हो गई.

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