Israel Gaza War: शिकायत करने वाले निकारागुआ ने साथ ही दावा किया है कि जर्मनी गाजा में जारी इजराइल-हमास जंग के दौरान नरसंहार और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन में इजराइल की मदद कर रहा है.
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International Court: एक तरफ इजरायल गाजा में कहर मचा रहा है तो दूसरी ओर उसे लेकर सोमवार को इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई होगी. दरअसल प्रारंभिक सुनवाई उस मामले में शुरू होगी, जिसमें जर्मनी की तरफ से इजराइल को की जा रही मिलिट्री और बाकी मदद बंद करने का अनुरोध किया गया है. शिकायत करने वाले निकारागुआ ने साथ ही दावा किया है कि जर्मनी गाजा में जारी इजराइल-हमास जंग के दौरान नरसंहार और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन में इजराइल की मदद कर रहा है.
निकारागुआ ने लगाए ये आरोप
हालांकि इजराइल ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उसका गाजा पर हमला नरसंहार के खिलाफ संधि का उल्लंघन करता है. निकारागुआ की इंटरनेशनल कोर्ट में दाखिल याचिका जर्मनी पर फोकस्ड है. लेकिन थोड़ा हटकर उसका निशाना गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान पर ही होता है. सात अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया था, जिसमें करीब 1200 लोग मारे गए थे. इसके बाद इजरायल ने ऐलान-ए-जंग कर दिया, जिसमें अब तक 33 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं. हालांकि , गाजा के अधिकारियों ने यह साफ नहीं किया है कि इनमें से कितने आम लोग और कितने लड़ाके हैं, लेकिन कहा कि मारे गए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.
'हम अदालत में पक्ष रखेंगे'
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेबेस्टियन फिशर ने सुनवाई से पहले कहा, 'हम शांत हैं और हम अदालत में अपना कानूनी पक्ष रखेंगे. हम निकारागुआ के आरोपों को खारिज करते हैं. जर्मनी ने न तो नरसंहार के खिलाफ संधि का और न ही अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन किया है, और हम इसे इंटनेशनल कोर्ट के सामने विस्तार से रखेंगे.'
आ सकता है शुरुआती फैसला
निकारागुआ ने अदालत से अनंतिम उपायों के तहत शुरुआती आदेश पारित करने का अनुरोध किया है, उसने अनुरोध किया है कि जर्मनी की तरफ से इजराइल को दी जा रही मदद खास तौर से सैन्य उपकरणों सहित सैन्य सहायता को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया जाए, क्योंकि इस सहायता का इस्तेमाल नरसंहार के खिलाफ संधि और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन में किया जा सकता है. इंटरनेशनल कोर्ट अगले कुछ हफ्ते में शुरुआती फैसला दे सकती है. लेकिन निकारागुआ की दायर याचिका पर अंतिम फैसला आने में सालों लग सकते हैं.
(इनपुट-एपी)