India-Canada Relations: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ अपनी संक्षिप्त बैठक में कनाडा में चरमपंथी तत्वों द्वारा लगातार ‘भारत विरोधी गतिविधियों’ के बारे में ‘गंभीर चिंता’ जताई
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World News in Hindi: कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों रुक नहीं रही हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविवार को जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए भारत में थे, तब खालिस्तानी अलगाववादियों ने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक तथाकथित 'जनमत संग्रह' आयोजित किया था.
प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक, नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून, वैंकूवर के सरे में गुरु नानक सिंह गुरुद्वारा में आयोजित खालिस्तानी अलगाववादियों की सभा में उपस्थित थे.
पन्नून ने की भड़काऊ भाषणबाजी
एएनआई के मुताबिक पन्नून ने भड़काऊ भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य नेताओं के खिलाफ डराने वाली भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने दावा किया कि अलगाववादी भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती दे रहे हैं.
पीएम मोदी और ट्रूडो के बीत बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ अपनी संक्षिप्त बैठक में कनाडा में चरमपंथी तत्वों द्वारा लगातार ‘भारत विरोधी गतिविधियों’ के बारे में ‘गंभीर चिंता’ जताई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों का सहयोग करना जरूरी है.
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों को जारी रखने के बारे में हमारी मजबूत चिंताओं से अवगत कराया. वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं.’
बयान में कहा गया , ‘संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए. ऐसे खतरों से निपटने में सहयोग करना दोनों देशों के लिए जरूरी है.’
पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-कनाडा संबंधों की प्रगति के लिए आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित संबंध आवश्यक है.
पीएम मोदी से चर्चा के बाद ट्रूडो ने कही यह बात
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खालिस्तान उग्रवाद और ‘विदेशी हस्तक्षेप’ के मुद्दे पर उनकी पीएम मोदी के साथ कई बातचीत हुई और कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और साथ ही हिंसा को रोकेगा और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा प्रयास करेगा.
ट्रूडो कहा, ‘दोनों मुद्दे सामने आए. पिछले कुछ वर्षों में पीएम मोदी के साथ हमने इन दोनों मुद्दों पर कई बार बातचीत की है. कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही, हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा मौजूद हैं.’
कनाडा के पीएम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि समुदाय के मुद्दे पर, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.’
(इनपुट/फोटो –न्यूज एजेंसी: ANI )