Maharashtra Politics: एनसीपी संस्थापक शरद पवार (चाचा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार (भतीजा) में तकरार ऐसी हुई कि पार्टी ही टूट गई. जुलाई 2023 में अजित पवार ने पार्टी के 40 विधायकों के साथ तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में चाचा-भतीजे के बीच राजनीतिक बर्चस्व की जंग चर्चा में रही है. लेकिन अजित पवार की मां के एक बयान ने पूरे महाराष्ट्र में राजनीति का माहौल ही बदल दिया है. जानें पूरा मामला.
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Reunion Of Sharad- Ajit Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे जिस तरह सामने आए उसक बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि शरद पवार और अजित पवार एक साथ आ सकते हैं. वहीं अब अजित पवार की माता आशाताई पवार के बयान से एक बार सियासी हल्कों में दोनों दिग्गजों के एक साथ आने के कयास लगने शुरू हो गए हैं. दरअसल, नए साल के मौके पर आशाताई ने पवार परिवार के एक साथ आने की बात कही है. अजित पवार की माता साल के पहले दिन पंढरपूर मे भगवान विठ्ठल के दर्शन के लिए गईं थी, जहां उन्होंने चाचा (शरद पवार) और भतीजे (अजित पवार) के एक साथ आने के लिए भगवान से प्रार्थना की. इसके बाद से सियासी गलियारों में ये सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि क्या पवार परिवार फिर से एक साथ आएगा.
अजित पवार की मां ने क्या मांगा आशीर्वाद?
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशाताई ने अपने बेटे और अपने बहनोई शरद पवार के फिर से एक होने की इच्छा जताई है. बुधवार को विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद पंढरपुर में बोलते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा: "मैं चाहती हूं कि पवार परिवार के भीतर मतभेद जल्द से जल्द खत्म हो जाएं. मुझे उम्मीद है कि पांडुरंग मेरी प्रार्थनाओं का जवाब देंगे.
एनसीपी और परिवार में 2023 के विभाजन के बाद चाचा और भतीजे के बीच सुलह की अटकलों के बीच उनकी अपील सामने आई है. पवार परिवार के भीतर एकता के आह्वान को अन्य सदस्यों ने भी दोहराया है. 13 दिसंबर को विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने भी इसी तरह एनसीपी संस्थापक शरद और अजित के फिर से एक होने की अपील की थी.
जानें कब सुलह की अटकलों को मिला बल?
उनके बीच सुलह की अटकलों को तब बल मिला जब 12 दिसंबर को अजित अपने चाचा के घर नई दिल्ली गए और अपने परिवार तथा वरिष्ठ एनसीपी सदस्यों के साथ उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. यह दोनों परिवार के टकराव के बाद उनकी पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी.
'शरद पवार पिता की तरह'
आशाताई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने 84 वर्षीय शरद को पिता समान बताया. उन्होंने कहा, "हम उन्हें जन्मदिन की बधाई देने गए थे और हम उनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहेंगे. कोई नहीं जानता कि कल क्या होगा, लेकिन अगर वे फिर से साथ आते हैं तो हमें बहुत खुशी होगी."
'दोनों परिवार को एक हो जाना चाहिए'
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री तथा आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले ने भी पुनर्मिलन के लिए समर्थन जताया. पुणे में बोलते हुए उन्होंने कहा: "अजित पवार की माँ ने पुनर्मिलन के लिए पंढरपुर में प्रार्थना की है, और मुझे भी व्यक्तिगत रूप से लगता है कि दोनों पवार को एक साथ आना चाहिए. शरद पवार जैसे वरिष्ठ राजनेता का अनुभव एनडीए सरकार के लिए मूल्यवान होगा. उन्हें कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए, जिसने उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाया, और इसके बजाय एनडीए में शामिल हो जाना चाहिए."
महाराष्ट्र की बद जाएगी राजनीति?
सुलह की अपील महाराष्ट्र की राजनीति में दोनों पवार के प्रभाव को दर्शाती है. जहाँ शरद विपक्षी राजनीति में एक कद्दावर व्यक्ति बने हुए हैं, वहीं अजीत पवार के भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ गठबंधन ने राज्य की राजनीतिक गतिशीलता को नया रूप दिया है. जबकि एनसीपी संस्थापक शरद पवार (चाचा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार (भतीजा) में तकरार में पार्टी ही टूट गई थी. जुलाई 2023 में अजित पवार ने पार्टी के 40 विधायकों के साथ तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. अब लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में चाचा-भतीजे के बीच राजनीतिक बर्चस्व की जंग खत्म हो सकती है, तभी तो अजित पवार की मां के एक बयान ने पूरे महाराष्ट्र में राजनीति का माहौल ही बदल दिया है. असल में क्या होगा ? यह तो समय बताएगा.