Israel-Hamas War: गाजा में 'तत्काल मानवीय युद्धविराम' का प्रस्ताव UN में नहीं हो सका पास, US ने फिर दिया अपने ‘दोस्त’ का साथ
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Israel-Hamas War: गाजा में 'तत्काल मानवीय युद्धविराम' का प्रस्ताव UN में नहीं हो सका पास, US ने फिर दिया अपने ‘दोस्त’ का साथ

Israel-Hamas War News: संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रस्तुत एक संक्षिप्त मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में तेरह सदस्यों ने मतदान किया, जबकि ब्रिटेन गैर मौजूद रहा. 

Israel-Hamas War: गाजा में 'तत्काल मानवीय युद्धविराम' का प्रस्ताव UN  में नहीं हो सका पास,  US ने फिर दिया अपने ‘दोस्त’ का साथ

UNSC Resolution For Ceasefire In Gaza: संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को गाजा में इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच युद्ध में तत्काल मानवीय युद्धविराम की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मांग को वीटो कर दिया. संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रस्तुत एक संक्षिप्त मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में तेरह सदस्यों ने मतदान किया, जबकि ब्रिटेन गैर मौजूद रहा. 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के उप राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने परिषद से कहा, 'अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते तो हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं?' प्रस्ताव में तत्काल एक मानवीय युद्धविराम लागू किए जाने के साथ-साथ, तमाम बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई और मानवीय सहायता आपूर्ति के लिए सुलभता की मांग की गई थी.

यूएस-अमेरिका करते हैं युद्ध विराम का विरोध
संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल युद्धविराम का विरोध करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे केवल हमास को फायदा होगा. इसके बजाय वाशिंगटन नागरिकों की सुरक्षा के लिए और हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए घातक हमले में बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के लिए लड़ाई में अस्थायी रोक का समर्थन करता है. 

बता दें इजरायल-हमास सात दिनों का अस्थायी विराम पर सहमत हुए थे जिसके तहत हमास ने कुछ बंधकों को रिहा कर दिया और गाजा को मानवीय सहायता में वृद्धि देखी गई  साथ ही इजरायल ने भी हिरासत में कई फिलिस्तीनियों को छोड़ा. यह अस्थायी युद्ध विराम 1 दिसंबर को समाप्त हुआ. 

अमेरिका ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र में उप अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट वुड ने परिषद को बताया कि मसौदा प्रस्ताव एक असंतुलित पाठ था 'जो वास्तविकता से अलग था, जो किसी भी ठोस तरीके से जमीन पर कुछ आगे नहीं बढ़ाएगा.' उन्होंने कहा, 'हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका दृढ़ता से एक टिकाऊ शांति का समर्थन करता है जिसमें इजरायल और फिलिस्तीनी दोनों शांति और सुरक्षा में रह सकते हैं, हम इस प्रस्ताव के एक अस्थिर युद्धविराम के आह्वान का समर्थन नहीं करते हैं जो केवल अगले युद्ध के लिए बीज बोएगा.'

गैरमौजूद रहने पर क्या बोला यूके
ब्रिटेन की संयुक्त राष्ट्र राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि उनका देश इसलिए अनुपस्थित रहा क्योंकि हमास की कोई निंदा नहीं की गई। उन्होंने परिषद से कहा, 'इजरायल को हमास द्वारा उत्पन्न खतरे से निपटने में सक्षम होने की जरूरत है और उसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करते हुए ऐसा करने की जरूरत है ताकि इस तरह का हमला दोबारा कभी नहीं किया जा सके.'

यूएन चीफ के दुर्लभ कदम के बाद हुआ मतदान
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस द्वारा बुधवार को 15 सदस्यीय परिषद को दो महीने से चल रहे इस युद्ध से होने वाले वैश्विक खतरे के बारे में औपचारिक रूप से चेतावनी देने के लिए एक उठाए गए एक दर्लभ कदम के बाद यह मतदान हुआ.

बता दें यूएन महासचिव ने, सुरक्षा परिषद को लिखे पत्र में, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 99 का सन्दर्भ दिया, जो अध्याय XV का हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में, अनुच्छेद 99 का प्रयोग बहुत कम और केवल अति असाधारण मामलों में होता है. पत्र में कहा गया कि यूएन प्रमुख 'सुरक्षा परिषद के ध्यान में एक ऐसा मामला लाना चाहते हैं जो उनके विचार में, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को जोखिम में डाल सकता है.'

यह पहला अवसर था जब एंतोनियो गुतारेस ने, वर्ष 2017 में महासचिव का पद संभालने के बाद, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 99 का सहारा लिया है. यूएन प्रवक्ता स्तेफान दुजैरिक के मुताबिक, ‘यूएन प्रमुख ने यह क़दम, 'गाजा और इजरायल में, इतनी छोटी सी अवधि में, मानवीय जीवन को इतने बड़े पैमाने पर हुई हानि को देखते हुए उठाया है.' यूएन प्रमुख का ये पत्र, बुधवार सुबह, सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को भेजा गया .

Photo Courtesy: @netanyahu

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