Retired Judges: पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज पूर्व न्यायाधीशों को कानून के रक्षक के रूप में देखता है, और उनकी जीवनशैली को समाज के इस विश्वास के अनुरूप होना चाहिए.
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Retired Judges: पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज पूर्व न्यायाधीशों को कानून के रक्षक के रूप में देखता है, और उनकी जीवनशैली को समाज के इस विश्वास के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने यह विचार तब साझा किया जब उनसे पूछा गया कि क्या सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को राजनीति में शामिल होना चाहिए.
राजनीति में जाने पर अपना विचार स्पष्ट किया
डीवाई चंद्रचूड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे 65 वर्ष की उम्र के बाद ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे उनके कार्य या न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठे. उन्होंने कहा कि आप पद छोड़ने के बाद भी समाज की नजर में न्यायाधीश बने रहते हैं. इसलिए जो बातें आम नागरिकों के लिए सामान्य हो सकती हैं, वे न्यायाधीशों के लिए उचित नहीं मानी जातीं.
हर न्यायाधीश का व्यक्तिगत निर्णय
पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए हैं. उन्होंने कहा कि यह हर न्यायाधीश का व्यक्तिगत निर्णय है कि सेवानिवृत्ति के बाद उनका कोई फैसला उनके न्यायिक कार्य को किस तरह प्रभावित कर सकता है.
पूर्व न्यायाधीशों के राजनीति में जाने पर टिप्पणी
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर कोई न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद राजनीति में शामिल होता है, तो समाज में यह धारणा बन सकती है कि उनके न्यायिक कार्य उनके राजनीतिक विचारों से प्रभावित थे. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनके द्वारा राजनीति में शामिल होने वाले न्यायाधीशों पर कोई आरोप नहीं है.
समाज की अपेक्षाएं और व्यक्तिगत अधिकार
चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायाधीश भी अन्य नागरिकों की तरह अपने निजी अधिकारों के हकदार हैं. लेकिन समाज उनसे उच्च मानकों का पालन करने की अपेक्षा करता है. उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों के व्यवहार और जीवनशैली को समाज में न्यायपालिका के प्रति विश्वास बनाए रखना चाहिए.
न्यायपालिका में आंतरिक सहमति की जरूरत
उन्होंने सुझाव दिया कि न्यायपालिका के भीतर इस पर सहमति होनी चाहिए कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए क्या उचित है और क्या नहीं. उन्होंने कहा कि इस पर अभी तक कोई स्पष्ट सहमति नहीं बनी है. यह चर्चा होनी चाहिए. पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मौजूदा न्यायाधीशों को सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ चर्चा करनी चाहिए कि उनके लिए कौन-से काम सबसे उपयुक्त होंगे. उन्होंने इसे न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बताया.
न्यायपालिका और समाज के बीच विश्वास का पुल
चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका ने उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि पूर्व न्यायाधीशों के कार्य और व्यवहार को समाज में विश्वास बनाए रखने के लिए न्यायपालिका की प्रतिष्ठा के अनुरूप होना चाहिए.