Critical Surgery: जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने 6 साल की बच्ची का दिमाग किया डिस्कनेक्ट, फिर यूं कामयाब हुई क्रिटिकल सर्जरी
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Critical Surgery: जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने 6 साल की बच्ची का दिमाग किया डिस्कनेक्ट, फिर यूं कामयाब हुई क्रिटिकल सर्जरी

Medical Science latest: मेडिकल साइंस की दुनिया में वाकई बड़ा चमत्कार हुआ है. देश और दुनिया के डॉक्टरों का धन्यवाद, जिन्होंने एक बच्ची की जान बचाने के लिए जो किया वो असंभव था.

Brianna Bodley was diagnosed with the rare brain disease last year

Critical Surgery Changing Lives: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है. जाको राखे साईयां मार सके न कोए. कहा तो ये तक जाता है कि अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो, हौसला हो तो मौत को भी मात दी जा सकती है. ऐसी तमाम सारी मिसालों और बातों को एक बार फिर से सच साबित करके दिखाया है अमेरिका के डॉक्टरों ने जिन्होंने एक क्रिटिकल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक बच्ची की जान बचा ली. बच्चे भगवान का रूप होते हैं. हर बच्चे में खासियत भले ही अलग-अलग हों लेकिन उनमें सबसे कॉमन चीज उनकी मासूमियत होती है. यही वजह है कि जिसने भी इस बच्ची की जटिल सर्जरी होने की बात सुनी उसने इस मासूम बच्चे की जिंदगी की सलामती से भगवान यानी अपने-अपने गॉड से प्रार्थना जरूर की. 

रेयर बीमारी से पीड़ित बच्ची

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अमेरिका में डॉक्टर्स की एक टीम ने 6 साल की बच्ची का इलाज करने के लिए उसके आधे दिमाग को डिस्कनेक्ट कर दिया गया. दिमाग का शरीर से कनेक्शन तोड़ कर पहली बार इस तरह का इलाज किया गया है. पूरी सर्जरी में डॉक्टर्स को 10 घंटे लगे. 6 साल की ब्रियाना, एन्सेफलाइटिस नाम की एक रेयर बीमारी से जूझ रही थी. अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. उसके परिजन दुआ कर रहे हैं. वहीं बहुत से लोगों को उम्मीद है कि ब्रियाना को फ्यूचर में किसी तरह की दिक्कत और परेशानी अब नहीं झेलनी पड़ेगी.

Dr. Aaron Robison discussed the girl's rare case with a local station.

क्या है रासमुसेन एन्सेफलाइटिस?

डॉक्टरों का कहना है कि इस सर्जरी के बाद उसे रोजाना आने वाले दौरे को रोकने में मदद मिलेगी. इस बच्ची को पिछले साल ही इस दुर्लभ बीमारी यानी रासमुसेन एन्सेफलाइटिस से पीड़ित होने का पता चला था. ये शरीर में होने वाली सूजन जैसी बीमारी है जो हर साल संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 500 बच्चों को प्रभावित करती है. ब्रायना की मां क्रिस्टल बोडली ने कहा, सर्जरी के बाद, उसके शरीर के बाएं हिस्से में होने वाली दिक्कत बंद हो गई है. जबकि सर्जरी से पहले, ब्रायना को रोजाना दौरे पड़ते थे. जो उसके सीखने की क्षमता और उसे भविष्य में होने वाले स्ट्रोक का कारण बन सकते थे. इस सर्जरी से पहले उसका इलाज दौरे को रोकने वाली दवा और स्टेरॉयड से किया गया, लेकिन बीमारी बढ़ती रही. आखिर में ये फैसला लेना पड़ा.

फैमिली ने जुटा फंड-मदद के लिए आगे आए लोग

ब्रियाना की फैमिली ने अस्पताल यानी इलाज में आने वाले खर्चों में मदद के लिए एक GoFundMe की स्थापना की है. लोग इस नेक काम में हाथ बटा रहे हैं. ब्रियाना की दादी, क्रिस ब्रेहेम ने कहा, 'मैं तो बस छोटी ब्रायना को इधर-उधर दौड़ते, अपनी कलाकृतियां बनाते और हमेशा की तरह इधर-उधर चहलकदमी करते हुए और मौज-मस्ती करते हुए देखना चाहती हूं.

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