SCO PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिश है. तेजी से बढ़ती देश की अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी ने भारत की सराहना की.
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PM Modi In SCO Summit: उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के समरकंद (Samarkand) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन (SCO Summit 2022) को आज (शुक्रवार को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संबोधित किया. पीएम मोदी ने इस दौरान खाद्य सुरक्षा का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ देशों को Millets उगाना चाहिए. ये एक ऐसा सुपरफूड है जो दुनिया पर छाए खाद्य संकट को दूर कर सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया COVID-19 महामारी पर काबू पा रही है. कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान उत्पन्न हुए. हम भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं.
मेडिकल टूरिज्म का हब बन रहा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन से विश्वास का माहौल बनेगा. हम आपसी सहयोग बनाना चाहते हैं. भारत मेडिकल टूरिज्म का हब बन रहा है. भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिश है. कोरोना के चलते सप्लाई चैन पर असर पड़ा. हम खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के पक्ष में हैं. भारत में तकनीक पर पूरा जोर है.
The world is overcoming the COVID-19 pandemic. Several disruptions occurred in the global supply chain because of the COVID and Ukraine crisis. We want to transform India into a manufacturing hub: PM Narendra Modi at the SCO Summit in Uzbekistan's Samarkand pic.twitter.com/pQN1nkOzHV
— ANI (@ANI) September 16, 2022
भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद
पीएम मोदी ने कहा कि हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हम हर क्षेत्र में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं. आज हमारे देश में 70,000 से ज्यादा स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है. मुझे खुशी है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
पारंपरिक दवाओं पर भारत करेगा नई पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अप्रैल 2022 में, WHO ने गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया. डब्ल्यूएचओ द्वारा पारंपरिक उपचार के लिए यह पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था. भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ वर्किंग ग्रुप के लिए पहल करेगा.
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