11 दिसंबर को Nigeria के एक स्कूल में आतंकवादियों ने हमला किया था. स्कूल में उस समय 600 छात्र मौजूद थे. पुलिस और आतंकवादियों के बीच एनकाउंटर हुआ और स्कूल में भगदड़ मच गई.
11 दिसंबर को Nigeria के एक स्कूल में आतंकवादियों ने हमला किया था. स्कूल में उस समय 600 छात्र मौजूद थे. पुलिस और आतंकवादियों के बीच एनकाउंटर हुआ और स्कूल में भगदड़ मच गई. जब हिंसा रुकी तो बच्चों की खोज शुरू हुई. एक एक करके पता चला कि 300 से ज़्यादा छात्र अपने घर नहीं पहुंचे. ये Nigeria में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक है. Nigeria एक पिछड़ा हुआ ग़रीब देश है इसलिए मां बाप का दुख बड़ा मुद्दा नहीं बना. अख़बारों की हेडलाइन और न्यूज चैनल्स की ब्रेकिंग न्यूज में जगह नहीं बन सका.
कुछ Media Reports के मुताबिक, Boko Haram के ख़िलाफ़ वहां के सुरक्षाबलों ने एक Rescue Operation लॉन्च किया और Kidnap किए गए कम से कम 17 बच्चों को छुड़ा लिया गया है. हालांकि इसमें दो बच्चों की मौत भी हो गई है. इससे पहले ऐसी ख़बरें भी आई थीं कि इन छात्रों की रिहाई के लिए Nigeria की सरकार और हमलावरों के बीच बातचीत चल रही है.
Boko Haram का दावा है कि वहां के स्कूलों में दी जाने वाली पश्चिमी शिक्षा, इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ़ है और गैर इस्लामिक गतिविधियों को रोकने के लिए ही इन छात्रों का अपहरण किया गया है. क्योंकि अल्लाह और मोहम्मद पैगंबर के मुताबिक इस्लाम धर्म को मानने वालों को पश्चिमी शिक्षा लेने की इजाज़त नहीं है.
Nigeria के Katsina(कात्सिना) की आतंकी घटना अब राष्ट्रीय संकट बन गयी है. Nigeria में Social Media पर Hashtag Bring Back Our Boys Trend कर रहा है और पूरा देश मिलकर इन बच्चों की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा है. जिनके बच्चे आतंकवादियों के कब्ज़े में हैं वो कह रहे हैं कि सरकार में बैठे लोगों के बच्चे आतंकवादियों के कब्ज़े में होते तो बच्चों की रिहाई में इतना समय नहीं लगता. आतंकियों के कब्ज़े से बच कर आए एक बच्चे ने बताया कि आतंकी चुन चुन कर बच्चों को मार रहे थे. इससे अपने बच्चों के घर लौटने का इंतज़ार कर रहे परिवारों की चिंता और बढ़ गयी है. Boko Haram जैसे आतंकवादी संगठन इस्लाम के नाम पर आतंकवाद की दुकान चलाते हैं. उनके लिए छात्रों का अपहरण एक बिज़नेस है जिससे वो कमाई कर रहे हैं.
पिछले 10 वर्षों में Boko Haram ने Kidnapping से 132 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है और Nigeria की सरकार इस पर रोक लगाने में पूरी तरह से फेल हो गई है. फ़िरौती की ये रकम लगभग 70 हज़ार रुपए से लेकर 1 करोड़ 10 लाख रुपए तक होती है और अगर कोई इतने रुपए ना दे पाए तो उन्हें या तो मार दिया जाता है. या फिर उन्हें Boko Haram में ही आतंकवादी बनना पड़ता है. वर्ष 2002 से लेकर अबतक Nigeria में आतंकी हमलों में 36 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं. इससे पहले वर्ष 2014 में भी Boko Haram ने 219 छात्राओं का अपहरण किया था, और उनमें से अधिकतर का अबतक पता नहीं चल पाया है.
वर्ष 2002 में Boko Haram की शुरुआत हुई थी. वहां उन्हें The Nigerian Taliban भी कहा जाता है. पिछले कुछ वर्षों में Boko Haram ने ISIS के साथ मिलकर कई आतंकवादी हमले किए हैं और अब Nigeria की जनता Boko Haram की हिंसा से परेशान हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र ने भी एक बयान जारी करके इन बच्चों की तुरंत रिहाई की मांग की है.
लेकिन अब तक संयुक्त राष्ट्र ने Boko Haram के आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कोई कदम नहीं उठाया है. वर्ष 2014 से ही UN की अलग-अलग टीम, Boko Haram के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है. हालांकि 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस आतंकवादी संगठन पर संयुक्त राष्ट्र ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. दुनिया की सबसे गंभीर समस्या, आतंकवाद से लड़ने में संयुक्त राष्ट्र पूरी तरह से नाकाम रहा है.
आशंका है कि अगर Boko Haram पर अब रोक नहीं लगाई गई तो भविष्य में ये 'अल कायदा' और ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों की तरह दुनिया भर में हमले कर सकता है. इससे पहले भी दुनिया में कई बार आतंकवादियों को ऐसी छूट दिए जाने के गंभीर परिणाम दिखाई दिए हैं. वर्ष 2001 में ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के World Trade Center और Pentagon पर 9/11 का आतंकवादी हमला किया था. हालांकि उससे 20 वर्ष पहले 1980 के दशक में वो अमेरिका की मदद से ही अफगानिस्तान में आतंकवादियों को ट्रेनिंग दे रहा था. उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन यही लादेन. अमेरिका की ज़मीन पर सबसे बड़ा आतंकी हमला करेगा.
इसी तरह वर्ष 2014 में Abu Bakr अल-बगदादी ने इराक़ में ISIS की शुरुआत की थी. तब इसे एक स्थानीय आतंकी संगठन माना गया था. हालांकि कुछ वर्षों बाद ही अमेरिका, Europe और यहां तक कि केरल के युवा भी इसमें शामिल होने लगे और ISIS की आतंकवादी विचारधारा को मानने वाले आतंकियों ने कई देशों में हमला करके निर्दोष लोगों की जान ले ली. यानी आतंकवादियों और आतंकवादी संगठन को अगर समय पर ख़त्म कर दिया जाए, तो इन्हें अंतरराष्ट्रीय ख़तरा बनने से रोका जा सकता है और Nigeria में हमले के बाद अब Boko Haram का भी अंत करने का समय आ गया है.
नाइजीरिया की तरह 6 साल पहले 16 दिसंबर 2014 को पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी स्कूल पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 132 बच्चे मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन 'तहरीक-ए-तालिबान' ने ली थी. बाद में इस हमले को अंज़ाम देने वाले 5 आतंकवादियों को फांसी दे दी गई. हालांकि ये फांसी भी इस आतंकवादी हमले के ज़ख्मों को पूरी तरह भर नहीं सकती. नाइजीरिया में जिन छात्रों का अपहरण किया गया है वो अभी जिंदा हैं. Boko Haram ने खुद इन 300 बच्चों का वीडियो जारी किया है. नाइजीरिया चाहे तो पाकिस्तान से सबक लेकर इन बच्चों की जान बचा सकता है.
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