'पाकिस्तान की हालत के लिए भारत या अमेरिका नहीं हैं जिम्मेदार', नवाज शरीफ की इस बात का क्या है मतलब
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'पाकिस्तान की हालत के लिए भारत या अमेरिका नहीं हैं जिम्मेदार', नवाज शरीफ की इस बात का क्या है मतलब

Nawaz Sharif on Pakistan Economy: नवाज शरीफ ने कहा कि यह अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. आज पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति जैसी है, उसके लिए यह भारत, अमेरिका या यहां तक कि अफगानिस्तान जिम्मेदारी नहीं हैं.

'पाकिस्तान की हालत के लिए भारत या अमेरिका नहीं हैं जिम्मेदार', नवाज शरीफ की इस बात का क्या है मतलब

Nawaz Sharif on Pakistan Economy: पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अब पाकिस्तान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना पर जुबानी हमला तेज किया है. उन्होंने पाकिस्तान की सभी समस्याओं के लिए सेना को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. उन्होंने कहा कि आज जहां पाकिस्तान कि अर्थव्यवस्था की स्थिति है, इसके लिए वास्तव में, हमने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है. इसके लिए सेना जिम्मेदार है.

पाकिस्तान के लिए भारत-अमेरिका जिम्मेदार नहीं: नवाज

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश के संकटों के लिए शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान पर परोक्ष निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि नकदी संकट से जूझ रहे देश की परेशानियों के लिए न तो भारत जिम्मेदार है और न ही अमेरिका, बल्कि हमने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारी है. शरीफ ने कहा, 'आज पाकिस्तान (अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिहाज से) जिस स्थिति में है, उसके लिए भारत, अमेरिका या अफगानिस्तान जिम्मेदार नहीं है. असलियत में तो हमने अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मारी है. सेना ने 2018 के चुनावों में धांधली करके इस देश पर एक चयनित (सरकार) थोप दी, जिसके कारण आम जनता परेशान हुई और अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब हो गई.

चौथी बार पीएम बनने का सपना देख रहे हैं नवाज शरीफ

73 वर्षीय नवाज शरीफ चौथी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के टिकट के दावेदारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें तीन बार-1993, 1999 और 2017 में सत्ता से बेदखल किया गया था.

नवाज शरीफ ने जजों पर उठाए सवाल

नवाज शरीफ ने सैन्य तानाशाहों को वैध ठहराने के लिए न्यायाधीशों की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘जब वे संविधान तोड़ते हैं तो न्यायाधीश उन्हें (सैन्य तानाशाहों को) माला पहनाते हैं और उनके शासन को वैध ठहराते हैं. जब बात प्रधानमंत्री की आती है तो न्यायाधीश उसे पद से हटाने पर मुहर लगा देते हैं. न्यायाधीश संसद को भंग करने के कृत्य को भी मंजूरी देते हैं...क्यों?’

चार साल की लंबी अवधि के आत्म-निर्वासन के बाद अक्टूबर में देश लौटे शरीफ ने 2017 में उन्हें सत्ता से बाहर करने में उनकी भूमिका के लिए पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हामिद पर भी जुबानी हमला किया. कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सुप्रीमो और पूर्व पीएम इमरान खान के बारे में उन्होंने कहा, 'उन्होंने (सेना ने) यह फैसला किया, क्योंकि वे अपनी पसंद के आदमी को सत्ता में लाना चाहते थे.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा और आईएएनएस)

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