Japan Truck Driver: इस एशियाई देश में ट्रक के ड्राइवरों की हो गई कमी, जनता की हालत हुई खराब
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Japan Truck Driver: इस एशियाई देश में ट्रक के ड्राइवरों की हो गई कमी, जनता की हालत हुई खराब

Truck Driver Shortage in Japan:  दुनिया के समृद्ध देशों में जापान का नाम शामिल है. लेकिन इस समय वहां की अर्थव्यवस्था पर ट्रक ड्राइवरों की कमी का असर पड़ रहा है. जापान सरकार के मुताबिक इस पेशे में वैकेंसी की संख्या में कमी नहीं है लेकिन ट्रक चलाने के लिए आवेदन करने वालों में कमी आ गई है.

 

 

Japan Truck Driver: इस एशियाई देश में ट्रक के ड्राइवरों की हो गई कमी, जनता की हालत हुई खराब

Japan Truck Driver News: क्या किसी देश की संस्कृति पर ट्रक ड्राइवर असर डाल सकते हैं. आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि भला यह कैसे संभव है. ट्रक ड्राइवर और संस्कृति का एक दूसरे से क्या वास्ता हो सकता है. लेकिन यह एक सच है. जापान का  अल्ट्रा कंवीनियंस जिसे आप अत्याधुनिक सुख सुविधा का भी नाम दे सकते हैं वो ट्रक ड्राइवरों की कमी की वजह से बदल रहा है. जापान की लॉजिस्टिक सिस्टम बेदम हो रही है. डोर टू डोर डिलिवरी में ज्यादा समय लग रहा है. ड्राइवरों के पास काम भी है. अगर भारतीय ट्रकों से तुलना करें तो जापानी ट्रक में सुविधाओं की कमी भी नहीं है. बावजूद उसके जापानी लोग ट्रक चलाने से मुंह मोड़ रहे हैं.

ड्राइवरों की कमी से यह है हाल
ड्राइवरों की कमी की वजह से सुपर मार्केट के सेल्फ खाली हैं. यानी की बड़े बड़े मॉल सामानों की किल्लत से जूझ रहे हैं. वजह यह है कि तय समय पर सामान नहीं पहुंच रहे हैं. एयरपोर्ट पर, गोल्फ क्लब पर बड़े बड़े सप्लायर के सामान अपनी मंजिल तक पहुंचने की बाट जोह रहे हैं. इस समस्या को खासतौर से प्रॉब्लम 2024 नाम भी दिया गया है. जापान सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो तैयार सामानों का एक बटा तीन हिस्सा भी स्टोर तक नहीं पहुंच पाएंगे. जो सामान तैयार होंगे उनकी डिलिवरी भी नहीं हो पाएगी. बता दें कि जापान में ट्रक ड्राइवर की न्यूनतन सैलरी भारतीय करेंसी में 51 हजार रुपए और अधिकतम सैलरी 1.5 लाख रुपए है.

क्या बूढ़ी होती आबादी का असर

ट्रक ड्राइवरों की कमी की वजह से जापान को करीब पांच लाख 82 हजार करोड़ का नुकसान होगा. बता दें कि जापान में 90 फीसद सामनों की आवाजाही सड़क के रास्ते की जाती है. जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा 70 फीसद का है. जापान सरकार के मुताबिक जिस तरह से बूढ़े लोगों की संख्या बढ़ रही है उसकी वजह से ट्रक ड्राइवरों की भी कमी हो रही है. यही नहीं जो मौजूदा ट्रक ड्राइवर हैं वो भी अपने काम से जी चुरा रहे हैं आप कह सकते हैं उनकी रुचि में कमी आई है. हालात ये हैं कि ट्रक ड्राइवरों की 130 वैकेंसी के लिए महज 100 आवेदन आ रहे हैं. उसमें भी जिन ट्रक ड्राइवर का चयन हो रहा है वो नौकरी करने से कतरा रहे हैं.

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