Nuclear Weapons In Space: अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों का मुद्दा, UN में आमने-सामने आए अमेरिका-रूस
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Nuclear Weapons In Space: अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों का मुद्दा, UN में आमने-सामने आए अमेरिका-रूस

United Nations Security Council resolution: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद में बाहरी अंतरिक्ष को हथियारों से मुक्त रखने से जुड़ा प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. रूस ने इस पर वीटो कर दिया. 

Nuclear Weapons In Space: अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों का मुद्दा, UN में आमने-सामने आए अमेरिका-रूस

United Nations Security Council: रूसी महासंघ ने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस मसौदा प्रस्ताव को अपने वीटो से नाकाम कर दिया है जिसका उद्देश्य बाहरी अंतरिक्ष को हथियारों से मुक्त रखना था. यह मसौदा प्रस्ताव जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने पेश किया था. सौदे के समर्थन 13 वोट पड़े, एक सदस्य - चीन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिय और सुरक्षा परिषद एक स्थाई सदस्य के रूप में, रूस ने वीटो किया.

रूस के वीटो करने से अमेरिका को यह सवाल करने का मौका दे दिया मॉस्को कुछ छिपा रहा है. दरअसल यह वोट वाशिंगटन द्वारा मास्को पर अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए एंटी-सैटेलाइट न्यूक्लियर हथियार विकसित करने का आरोप लगाने के बाद आया. हालांकि रूस ने इस आरोप से इनकार किया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि मॉस्को अंतरिक्ष में परमाणु हथियार रखने के खिलाफ है.

रूस और अमेरिका आमने-सामने
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने मतदान के बाद कहा, 'यह चौंकाने वाला और शर्म की बात है.' उन्होंने कहा, 'आज का वीटो सवाल उठाता है? यदि आप नियमों का पालन कर रहे हैं तो क्या आप ऐसे प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे जो उनकी पुष्टि करता हो? आप संभवतः कुछ छिपा रहे होंगे?'

रूस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने वाशिंगटन पर मॉस्को को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि रूस जल्द ही अंतरिक्ष को शांतिपूर्ण बनाए रखने के उद्देश्य से अपने स्वयं के मसौदा प्रस्ताव पर परिषद के सदस्यों के साथ बातचीत शुरू करेगा.

नेबेंज़िया ने परिषद में थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड से पूछा, 'हम सिर्फ (सामूहिक विनाश के हथियार) ही नहीं, बल्कि बाहरी अंतरिक्ष में किसी भी प्रकार के हथियारों की तैनाती पर प्रतिबंध चाहते हैं. लेकिन आप ऐसा नहीं चाहते... मुझे आपसे यही सवाल पूछना है: क्यों?'

प्रस्ताव के पास होने पर क्या होता?
अगर यह मसौदा पारित होकर प्रस्ताव बन जाता तो इसमें दुनिया के सभी देशों से, विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षमताओं वाले देशों से, बाहरी अन्तरिक्ष के शान्तिपूर्ण इस्तेमाल के लिए सक्रिय योगदान करने और बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की किसी भी दौड़ को रोकने का आहवान किया जाता.

बता दें 1967 की आउटर स्पेस संधि हस्ताक्षरकर्ताओं - जिसमें रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है - को 'पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में परमाणु हथियार या किसी अन्य प्रकार के सामूहिक विनाश के हथियार ले जाने वाली वस्तुओं' को रखने से रोकती है.

अमेरिकी मसौदा टेक्स पर परिषद के मतदान से पहले, रूस और चीन ने प्रस्ताव दिया था कि इसमें संशोधन किया जाए ताकि सभी राज्यों से 'आउटर स्पेस में हथियारों की नियुक्ति और बाहरी अंतरिक्ष में ताकत के खतरे या उपयोग को हमेशा के लिए रोका जा सके.'

परिषद ने प्रस्तावित संशोधन पर मतदान किया, लेकिन यह पारित होने में विफल रहा. इसके पक्ष में सात, विपक्ष में सात वोट पड़े और एक सदस्य अनुपस्थित रहा.

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