नेतन्याहू ने राफा में कत्लेआम की खाई कसम; अगर हमास नहीं माना तो 14 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों की होगी मौत!
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नेतन्याहू ने राफा में कत्लेआम की खाई कसम; अगर हमास नहीं माना तो 14 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों की होगी मौत!

PM Benjamin Netanyahu vows: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 30 अप्रैल को अब तक की सबसे बड़ी 'कसम' खा ली, उनका कहना है कि हमास को पूरी तरह खत्म करने के लिए हम दक्षिणी गाजा शहर राफा में जमीनी हमला करने को तैयार हैं, राफा में 7 महीने से चल रहे युद्ध के कारण सैकड़ों हजारों फिलिस्तीनी शरण ले रहे हैं. अगर हमास नहीं माना तो लाखों लोगों की मौत होनी तय है.

नेतन्याहू ने राफा में कत्लेआम की खाई कसम; अगर हमास नहीं माना तो 14 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों की होगी मौत!

Israel war on Gaza updates: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ समझौते के साथ या उसके बिना, राफा पर जमीनी हमला करने की कसम खाई है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को बंधकों के परिवारों के साथ एक बैठक में कहा कि इजरायल ने राफा से फिलिस्तीनी नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, "हम राफा में प्रवेश करेंगे और पूरी जीत हासिल करने के लिए समझौते के साथ या उसके बिना, वहां हमास की बटालियनों को खत्म कर देंगे." इज़रायल राफा को फिलिस्तीनी क्षेत्र में हमास का आखिरी प्रमुख गढ़ मानता है। राफा गाजा का सबसे दक्षिणी शहर है, जहां करीब 12 लाख फिलिस्तीनी शरण मांग रहे हैं.

शांतिवार्ता के बीच नेतन्याहू की कसम
नेतन्याहू की टिप्पणी उस समय आई है. जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन संघर्ष विराम वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए इज़राइल पहुंचे ही हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इजरायल ने पूरा मन बना लिया है कि अगर हमास ने बंधकों को रिहा नहीं किया और मांग नहीं मानी तो अब कत्लेआम मचना तय है. बंधकों की रिहाई, जंग में फंसे नागरिकों को राहत पहुंचाने और राफा में इजरायली हमले और वहां नागरिकों को होने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए ब्लिंकन इजरायल के दौरे पर आए हैं. 

नेतन्याहू की कसम खुश करने के लिए तो नहीं?
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल राफा में प्रवेश करेगा, जिसके बारे में इजराइल का कहना है कि यह हमास का आखिरी गढ़ है, भले ही बंधकों के लिए संघर्ष विराम समझौता हुआ हो या नहीं. इसके बाद इस बयान के कई सारे मतलब निकाले जाने लगे, किसी का मानना है कि नेतन्याहू के इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी टिप्पणियाँ अपने देश के लोगों को खुश करने की थी. अब सच क्या है, यह तो समय बताएगा. लेकिन इस कसम के बाद सभी की नजरे अब राफा पर टिक गई हैं. 

नेतन्याहू की कसम, सयुंक्त राष्ट्र चिंता में
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू राफा में सेना भेजने के कसम के बाद अब उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उस क्षेत्र पर हमले को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव की अपील की है., जहां 12 लाख से अधिक फिलिस्तीनी शरण लिए हुए हैं. गुटेरेस ने मंगलवार को कहा, "मैं इजरायल पर प्रभाव रखने वाले सभी लोगों से इसे रोकने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करने की अपील करता हूं."

नेतन्याहू नहीं माने तो होगा कत्लेआम
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राफा पर सैन्य हमला असहनीय है, जिसमें हजारों नागरिक मारे जाएंगे और हजारों लोगों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. वह क्षेत्र जहां 12 लाख से अधिक लोग अब राफा गवर्नरेट में शरण मांग रहे हैं, उनमें से अधिकांश इजरायली बमबारी के कारण भाग रहे हैं। कथित तौर पर 34,000 से अधिक लोग मारे गए हैं."

अमेरिका जंग रोकने के लिए कर रहा कोशिश 
गुटेरेस ने चेतावनी दी कि राफा में घुसपैठ से "कब्जे वाले वेस्ट बैंक और व्यापक क्षेत्र पर गंभीर असर होगा." अमेरिका और उसके सहयोगी इजरायल और हमास को एक समझौते पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे युद्धविराम हो सके और अक्टूबर में इजरायल पर हमले में आतंकवादी संगठन द्वारा अपहरण किए गए कुछ बंधकों को रिहा किया जा सके.

हमले की नेतन्याहू की धमकी या मजबूरी?
नेतन्याहू की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब काहिरा में इजरायली वार्ताकार हमास के साथ संघर्ष विराम के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर चर्चा कर रहे हैं. उधर इजरायल में हर रोज होते विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर बंधकों के परिवारों द्वारा उन्हें घर वापस लाने का भारी दबाव हो गया है.  युद्ध लंबा खिंचने की वजह से सीजफायर का अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है.

अगर राफा में जमीनी हमला हुआ तो...
इन दिनों रफ़ा ने लगभग 14 लाख फ़िलिस्तीनियों को आश्रय दिया है, जिनमें से अधिकांश युद्धग्रस्त पट्टी के अन्य हिस्सों से आए हुए लोग हैं. अगर इजरायल इस इलाकों में हमला करता है तो बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. 

हमास का आखिरी गढ़ राफा
इजरायल और हमास के जंग के बीच इन दिनों राफा की चर्चा तेज हो गई है, लाखों लोगों ने गाजा से जान बचाकर राफा में शरण ले रखी है.  इजरायल काफी समय से इस बात पर जोर दे रहा है कि वह मिस्र की सीमा से लगे शहर राफा पर जमीनी हमला करेगा क्योंकि हमास की आखिरी बटालियन वहां छिपी हुई है.

जंग के लिए तैयार इजरायल
बताया जा रहा है इजरायल की सेना ने राफा शहर के करीब दर्जनों टैंक और बख्तरबंद वाहन जमा कर दिए हैं. हमास ने इससे पहले कहा था कि वह स्थायी युद्धविराम और इजरायली सैनिकों की पूर्ण वापसी की अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेगा. इस मांग को इजरायल ने पूरी तरह खारिज कर दिया है, उधर मिस्र ने आगाह किया है कि राफा में हमले के मानवीय स्थिति के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. 

अमेरिका ने इजरायल को समझाया
पिछले महीने ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी थी. उनका कहना था कि अगर इजराइल ने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी शहर राफा पर हमला किया तो उसे और अधिक वैश्विक अलगाव का खतरा होगा. अमेरिका ने ये टिप्पणी ब्लिंकन और नेतन्याहू के बीच आमने-सामने की बातचीत के दौरान की थी. ब्लिंकन ने तेल अवीव में संवाददाताओं से कहा, "हमास को हराने के इजराइल का हम सहायता करेंगे.. हालांकि, राफा में एक बड़ा सैन्य जमीनी अभियान इसे करने का तरीका नहीं है."ब्लिंकन ने कहा, "इससे अधिक नागरिकों के मारे जाने का जोखिम है, इससे मानवीय सहायता पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा. जिससे इजरायल की छवि पूरी दुनिया में खराब होगी. 

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