Mikhail Gorbachev Death: 'इस्लाम कबूल कर लो, मुक्ति का रास्ता मिल जाएगा', गोर्बाचेव को खुमैनी ने लिखा था पत्र
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Mikhail Gorbachev Death: 'इस्लाम कबूल कर लो, मुक्ति का रास्ता मिल जाएगा', गोर्बाचेव को खुमैनी ने लिखा था पत्र

Mikhail Gorbachev Death: सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को ईरान के पूर्व सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह रुहोल्ला खुमैनी ने 1989 में एक पत्र भेजा था. इस पत्र में उन्होंने गोर्बाचेव से इस्लाम कबूल करने की अपील की थी.

Mikhail Gorbachev Death: 'इस्लाम कबूल कर लो, मुक्ति का रास्ता मिल जाएगा', गोर्बाचेव को खुमैनी ने लिखा था पत्र

Mikhail Gorbachev Death: सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को सोवियत संघ पतन से पहले ईरान के पूर्व सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह रुहोल्ला खुमैनी ने पत्र भेजा था. इस पत्र में खुमैनी ने गोर्बाचेव से इस्लाम कबूल करने की अपील की थी. बता दें कि मिखाइल गोर्बाचेव का बुधवार को निधन हुआ. उनके निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक जताया.

सोवियत संघ के पतन से दो साल पहले भेजा पत्र

बताया जाता है कि सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव को 1989 में यानी सोवियत संघ के पतन से दो साल पहले ईरान के तत्कालीन सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खुमैनी ने ये चौंकाने वाला लेटर भेजा था. इस लेटर को खुमैनी ने ईरानी डेलिगेशन के साथ मॉस्को भेजा था. इस पत्र में खुमैनी ने गोर्बाचेव से इस्लाम स्वीकार करने की अपील की थी.

'पश्चिम के पतन की वजह है खुदा पर भरोसा न होना'

ईरान के सुप्रीम लीडर खुमैनी ये मानते थे कि गोर्बाचेव के यूएसएसआर की कमान संभालने के बाग सोवियत संघ बदलाव के दौर में है. खुमैनी ने अपने पत्र में लिखा था कि आपको सच स्वीकार कर लेना चाहिए. इस वक्त देश की मुख्य परेशानी संपत्ति, अर्थव्यवस्था या आजादी नहीं है बल्कि खुदा में विश्वास की कमी है. खुदा में विश्वास की कमी के चलते पश्चिम का पतन हो रहा है.

'इस्लाम स्वीकार करने की अपील की' 

उन्होंने आगे लिखा कि कम्युनिज्म का कोई भविष्य नहीं है. इसी के चलते पश्चिम में त्रासदी हो रही है. इस्लाम ही इस समस्या का समाधान है. खुमैनी ने लिखा था, 'इस्लाम के जो सर्वोच्च मूल्य हैं, उनके जरिए दुनिया के सभी देशों के लिए मुक्ति का रास्ता खुल जाएगा और मानवता की मूल परेशानियों का हल मिल जाएगा.'

सोवियत संघ के पतन का माना जाता है जिम्मेदार

गौरतलब है कि सोवियत संघ के विघटन के लिए भी गोर्बाचेव को जिम्मेदार माना जाता है. माना जाता है कि गोर्बाचेव की नीयत सही थी. वो सुधार करना चाहते थे लेकिन इसी वजह से उनकी सत्ता भी चली गई और सोवियत संघ 15 हिस्सों में टूट गया. गोर्बाचेव का 91 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया.

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