Hijab Row: ईरान से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब दुनियाभर में फैलता जा रहा है. जगह-जगह इसके खिलाफ लोग मोर्चा खोल रहे हैं. कई देशों की सरकार भी इसके खिलाफ है. इसी कड़ी में अब स्विटरजरलैंड सरकार ने बुधवार को संसद में एक बिल पेश किया.
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Hijab Controversy: ईरान से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब दुनियाभर में फैलता जा रहा है. जगह-जगह इसके खिलाफ लोग मोर्चा खोल रहे हैं. कई देशों की सरकार भी इसके खिलाफ है. इसी कड़ी में अब स्विटरजरैंड सरकार ने बुधवार को संसद में एक बिल पेश किया. इस बिल में सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसका उल्लंघन करने वालों पर 1000 स्विस फ्रैंक (करीब 82 हजार भारतीय रुपये) जुर्माना लगाया जाएगा. मामलूम हो कि स्विटजरलैंड की कुल आबादी में लगभग 5 फीसदी लोग मुसलमान हैं. पिछले साल स्विटरजलैंड में चेहरा ढ़कने पर प्रतिबंध को लेकर जनमत संग्रह कराया गया था. इसमें अधिकतर लोगों ने हिजाब पर बैन लगाने की बात कही थी.
बैन लगाते वक्त रखा गया ध्यान
बैन लगाते वक्क सरकार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि कहीं भी इस्लाम का जिक्र न हो और न ही बुर्के और हिजाब का जिक्र हो. कानून में चेहरा छिपाने पर रोक की बात कही गई है. लेकिन लोग इसे हिजाब और बुर्के पर बैन ही कह रहे हैं.
यहां मिलेगी छूट
सरकार ने कई जगह छूट भी दी है. इसके तहत स्वास्थ्य मामले में, जलवायु मामले में, स्थानीय रीति रिवाजों से जुड़े मामलों में, कलात्मक प्रदर्शन और विज्ञापन के मामलों में चेहरा ढकने की छूट होगी. इसके अलावा पूजा स्थलों और विमानों में भी चेहरा ढकने की अनुमति दी जाएगी.
इन देशों में भी लगा हुआ है प्रतिबंध
बता दें कि बुर्के या हिजाब को लेकर कुछ देश पहले ही प्रतिबंध लगा चुके हैं. फ्रांस ने वर्ष 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर पूरे चेहरे को ढकने प्रतिबंध लगा दिया था. डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया में भी इसी तरह की पाबंदी लगाई गई है.
महसा अमीनी की मौत के बाद से हो रहे प्रदर्शन
बता दें कि ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद से लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग हिजाब के खिलाफ यह आंदोलन कर रहे हैं. दरअसल, महसा को हिजाब न पहनने की वजह से पुलिस ने काफी प्रताड़ित किया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी.
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