DNA Analysis: अब ट्रैफिक में फंसने का नहीं होगा डर, हवा में चला सकेंगे बाइक; इस देश में शुरू हुआ ट्रायल
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DNA Analysis: अब ट्रैफिक में फंसने का नहीं होगा डर, हवा में चला सकेंगे बाइक; इस देश में शुरू हुआ ट्रायल

Air Bike: अब आपको ट्रैफिक जाम में फंसने की जरूरत नहीं होगी. जल्द ही हवा में उड़ने वाली बाइक मार्केट में लॉन्च होने जा रही हैं. इस तरह की पहली एयर बाइक के ट्रायल का वीडियो भी सामने आ गया है, जिसे आपको देखना चाहिए. 

DNA Analysis: अब ट्रैफिक में फंसने का नहीं होगा डर, हवा में चला सकेंगे बाइक; इस देश में शुरू हुआ ट्रायल

Flying Bike and Electric Plane: क्या आपको पता है मुंबई में एक वर्ष में एक व्यक्ति के 209 घंटे ट्रैफिक में बर्बाद हो जाते हैं. जबकि दिल्ली में 190 घंटे ट्रैफिक में बर्बाद हो जाते हैं. जब ट्रैफिक में फंसे होते हैं तो आपने कभी-ना -कभी ये जरुर सोचा होगा कि काश कोई ऐसी बाइक या कार होती है, जिससे उड़कर चला जाता. तो अब ये सच होने वाला है. अब एक ऐसी ही बाइक बन गई है जो हवा में उड़ आसानी से उड़ (Flying Bike) सकती है. अमेरिका में एक ऑटो शो में इस बाइक को दिखाया गया है. किसी सुपरबाइक की तरह दिखने वाले इस बाइक की सबसे बड़ी खासियत यही है कि ये हवा में उड़ सकती है. 

इस देश में इलेक्ट्रिक प्लेन बनाने का काम शुरू

क्या आप जानते हैं. हर रोज दुनिया में 1 लाख से ज्यादा फ्लाइट उड़ते और लैंड करते हैं. इन Planes को उड़ाने के लिए विशेष तरह के ईंधन का इस्तेमाल होता है जिसे ATF यानि Air Turbine Fuel कहा जाता है. लेकिन आने वाले दिनों में अब ATF या जेट फ्यूल का इस्तेमाल कम होने वाला है. अब एक बड़े साइज के इलेक्ट्रिक प्लेन को बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. 30 सीटों वाले इस इलेक्ट्रिक प्लेन (Electric Plane) को बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है और ये तैयारी स्वीडन की एक स्टार्ट-अप कंपनी Heart Aerospace कर रही है.

कंपनी ने इस इलेक्ट्रिक प्लेन से जुड़ी कई अहम जानकारियां शेयर की हैं. ES-30 के नाम से बन रहे इस इलेक्ट्रिक प्लेन का 2028 तक कमर्शियल इस्तेमाल शुरू होने की संभावना है. बैटरी से उड़ने वाले इलेक्ट्रिक प्लेन को बनाने के लिए लगातार रिसर्च किए जा रहे हैं और जरूरत के मुताबिक इसमें बदलाव हो रहे हैं. कंपनी का दावा है कि 2026 से टेस्टिंग के तौर पर इस प्लेन को उड़ाना शुरू कर दिया जाएगा.

200 किमी तक भर सकेगा उड़ान

30 सीटों वाला ये इलेक्ट्रिक प्लेन (Electric Plane) बैट्री से 200 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. जबकि हाइब्रिड टर्बो जनरेटर की मदद से 200 किलोमीटर अतिरिक्त उड़ सकता है. यानी कुल 400 किलोमीटर तक उड़ सकता है. अमेरिकी एयरलाइंस कंपनी, यूनाइटेड एयरलाइंस और मेसा एयर ग्रुप ने ऐसे 30 सीटों वाले  200 इलेक्ट्रिक प्लेन का अभी ही ऑर्डर दे दिया है. जबकि एयर कनाडा ने 30 इलेक्ट्रिक प्लेन का ऑर्डर दिया है.

2021 में Heart Aerospace ने ES-19 यानी 19 सीटों वाले प्लेन का डिजाइन बनाकर इसकी टेस्टिंग की थी. एक बार में चार्ज होने के बाद 19 सीटों वाला प्लेन 400 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. इलेक्ट्रिक प्लेन बनाने वाली Heart Aerospace वैसे तो एक स्टार्ट-अप कंपनी है लेकिन इसमें दुनिया भर की कई जानी-मानी कंपनियों ने निवेश किया है. इन कंपनियों में कई एयरलाइंस कंपनियां शामिल है. बिल गेट्स और एयर कनाडा ने भी इस कंपनी में निवेश किया है. इससे आप समझ सकते हैं कि इलेक्ट्रिक प्लेन का बाजार कितना बड़ा होने वाला है और इस पर कितना भरोसा जताया जा रहा है.

महंगे तेल और प्रदूषण से मिलेगी निजात

हालांकि जो इलेक्ट्रिक प्लेन (Electric Plane) बनाए जा रहे हैं वो बहुत लंबी दूरी तय नहीं कर सकते हैं लेकिन छोटी-छोटी उड़ान भरने में सक्षम है. भारत जैसे बड़े देश में भी चार्ज होने के बाद ये प्लेन कई शहरों के बीच उड़ान भर सकता है. आज पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बोलबाला है. इलेक्ट्रिक बाइक, इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक बस का खूब इस्तेमाल हो रहा है. भारत में भी ना केवल इन गाड़ियों की कीमत पहले के मुकाबले कम हो रही है बल्कि धीरे-धीरे इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाए जा रहे हैं. भारत में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से भी इसको खरीदने पर कई छूट दी जा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह इन गाड़ियों से ना केवल प्रदूषण बेहद कम हो जाता है  बल्कि फ्यूल का खर्च भी घटता है.

ये सारे फायदे इलेक्ट्रिक प्लेन (Electric Plane) के साथ भी है. इसलिए दुनिया के कई देश धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक प्लेन के इस्तेमाल को लेकर लक्ष्य तय कर रहे हैं. दुनिया की एविएशन इंडस्ट्री का 2050 तक पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त प्लेन उड़ाने का लक्ष्य है. हालांकि जानकारों को इस लक्ष्य को लेकर संदेह है . यानी उनको लगता है 2050 इसे पूरा नहीं किया जा सकता है. नार्वे ने 2040 तक पूरी तरह से जेट फ्यूल का इस्तेमाल बंद करने का लक्ष्य रखा है. वहीं स्वीडन ने 2030 तक अपने सभी घरेलू उड़ानों और 2045 तक सभी विदेशी उड़ानों में जेट फ्यूल के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने का लक्ष्य रखा है. प्लेन बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनी एयरबस हाइड्रोजन आधारित इंजन पर काम कर रही है.

लोगों को प्लेन के शोर से मिलेगी राहत

अगर इलेक्ट्रिक प्लेन (Electric Plane) की फायदे की बात करे तो इससे कंपनियों का फ्यूल पर होने वाला खर्च 80-90 प्रतिशत कम हो सकता है. इसके साथ ही इस प्लेन की आवाज बेहद कम होगी यानी ध्वनि प्रदूषण नहीं के बराबर होगा. प्रदूषण की वजह से हो रहे Climate Change के लिए प्लेन भी जिम्मेदार हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक प्लेन से वायु प्रदूषण आम प्लेन के मुकाबले करीब 80-90 प्रतिशत घट जाएगा . आप जब एयरपोर्ट के पास पहुंचते हैं और तो काफी तेज आवाज़ और प्रदूषण से परेशान हो जाते होंगे. लेकिन इलेक्ट्रिक प्लेन की वजह से एयरपोर्ट के आसपास का इलाका बिल्कुल शांत और प्रदूषण मुक्त हो जाएगा.

सामान्य तौर पर एक एयरलाइंस कंपनी के कुल खर्च में फ्यूल का हिस्सा 20-25 प्रतिशत तक होता है. कार-बाइक की तरह प्लेन भी प्रदूषण फैलाते हैं. ऐसे में प्रदूषण मुक्त दुनिया बनाने में इलेक्ट्रिक प्लेन (Electric Plane) बहुत बड़ी मददगार साबित होगी.

(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)

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