US New Citizenship Rules: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता संभाले अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं.. लेकिन उनके फैसलों ने भारतीयों को चौंका दिया है. ट्रंप के नए आदेश ने वहां रह रहे भारतीय प्रवासियों को चिंता में डाल दिया है.
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US New Citizenship Rules: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता संभाले अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं.. लेकिन उनके फैसलों ने भारतीयों को चौंका दिया है. ट्रंप के नए आदेश ने वहां रह रहे भारतीय प्रवासियों को चिंता में डाल दिया है. अब अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को स्वचालित रूप से नागरिकता नहीं मिलेगी.. अगर उनके माता-पिता ग्रीन कार्ड धारक या अमेरिकी नागरिक नहीं हैं. यह नियम खासतौर पर उन भारतीय परिवारों के लिए झटका है, जो लंबे समय से ग्रीन कार्ड पाने की कतार में हैं.
क्या है नया नियम?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया आदेश जारी किया है. जिसके तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता का अधिकार तभी मिलेगा.. जब उनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक हो. यह नियम उन परिवारों पर भी लागू होगा, जो कानूनी रूप से अमेरिका में रह रहे हैं. लेकिन अस्थायी वीजा (जैसे H-1B वर्क वीजा या स्टूडेंट वीजा) पर हैं.
भारतीय परिवारों पर असर क्यों?
करीब 10 लाख भारतीय परिवार रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे हैं. अब तक अगर उनके बच्चे अमेरिका में जन्म लेते थे तो उन्हें नागरिकता मिल जाती थी. इससे परिवारों को थोड़ी राहत मिलती थी. क्योंकि 21 साल की उम्र में वे बच्चे अपने माता-पिता को प्रायोजित कर सकते थे. लेकिन अब यह विकल्प खत्म हो जाएगा.
क्या कहते हैं कानून और एक्सपर्ट?
अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन कहता है कि अमेरिका में जन्म लेने वाले सभी बच्चों को नागरिकता का अधिकार है. लेकिन ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि यह नियम उन बच्चों पर लागू नहीं होगा, जिनके माता-पिता अस्थायी वीजा पर हैं. कई कानूनी एक्सपर्ट इसे असंवैधानिक बता रहे हैं. इस आदेश के खिलाफ कई संगठनों ने अदालत का रुख किया है. उनका कहना है कि यह आदेश अमेरिकी संविधान और पहले के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ है.
क्या होगा आगे?
अगर यह नियम लागू होता है तो भारतीय प्रवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी. ग्रीन कार्ड की लंबी कतार में खड़े परिवारों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. हालांकि अदालत में इस आदेश को चुनौती दी गई है. और इसका भविष्य अब न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा.