मासूम के जिस कत्‍ल को Crime of the Century कहा गया, 100 साल बाद अब उस केस की क्‍यों हो रही चर्चा?
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मासूम के जिस कत्‍ल को Crime of the Century कहा गया, 100 साल बाद अब उस केस की क्‍यों हो रही चर्चा?

Crime of the Century: 1 मार्च, 1932 को 20 महीने के बच्चे चार्ल्स ऑगस्टस लिंडबर्ग जूनियर का अपहरण कर लिया गया और 2 महीने बाद 12 मई को सड़क किनारे उसकी लाश मिली थी. लगभग 100 साल पहले अमेरिका में हुई इस घटना में आज भी लोगों की दिलचस्पी है.

 

मासूम के जिस कत्‍ल को Crime of the Century कहा गया, 100 साल बाद अब उस केस की क्‍यों हो रही चर्चा?

Charles Augustus lindbergh Junior: 1 मार्च, 1932, जब 20 महीने के चार्ल्स ऑगस्टस लिंडबर्ग जूनियर का अपहरण कर लिया गया. 2 महीने बाद 12 मई को सड़क किनारे क्षत विक्षत हालत में उसकी लाश मिली. इस घटना को Crime of the Century कहा गया. यह मामला लगभग 100 साल पहले अमेरिका में हुआ था, लेकिन आज भी इस मामले में लोगों की दिलचस्पी कम नहीं हुई है. अब बच्चे की मौत के बारे में नई अटकलें और सबूतों के डीएनए परीक्षण के लिए दबाव ने घटना की जांच को फिर से हवा दी है.

मासूम के कत्‍ल को क्यों कहा गया Crime of the Century?

चार्ल्स ऑगस्टस लिंडबर्ग जूनियर का केस लगभग 100 साल पुराना है और इसे 'सदी का अपराध यानी Crime of the Century' के रूप में जाना जाता है. इसकी वजह इस घटना के नाटकीय विवरण और बच्चे के माता-पिता की हाई-प्रोफाइल स्थिति थी. चार्ल्स ए लिंडबर्ग की मां ऐन मॉरो लिंडबगर्ग एक राजनयिक की बेटी थीं और पिता चार्ल्स लिंडबर्ग एक विमान चालक थे, जिन्होंने न्यूयॉर्क से पेरिस तक दुनिया की पहली बिना रुके सिंगल उड़ान पूरी करके प्रसिद्धि हासिल की थी.

लगभग 100 साल बाद क्यों चर्चा में आया ये केस?

चार्ल्स ऑगस्टस लिंडबर्ग जूनियर की मौत की मौत लगभग 100 साल बाद एक बार फिर चर्चा में है. इसकी वजह उसके पिता चार्ल्स लिंडबर्ग के अपने बेटे की मौत में संभावित संलिप्तता है. इसको लेकर एक विचित्र और भयानक सिद्धांत और साक्ष्य के डीएनए परीक्षण के लिए नए कानूनी दबाव ने मिलकर सबसे लंबे समय तक चलने वाले हत्या रहस्यों में से एक को फिर से जनता के ध्यान में ला दिया है.

अप्रैल 1936 में एक जर्मन अप्रवासी हॉउप्टमैन को इस अपराध के लिए फांसी दे दी गई थी, जो बढ़ई के रूप में काम करता था और न्यूयॉर्क शहर के ब्रोंक्स बोरो में रहता था. अब इस मामले में उसकी परपोती भतीजी सीजेन लव और उसकी चाची ने हाल ही में डीएनए नमूने प्रदान किए हैं और उन्हें उम्मीद है कि न्यू जर्सी की अदालतें आधुनिक विज्ञान की मदद से पुराने संदेह का पता लगाने का रास्ता साफ करने का फैसला करेंगी कि क्या एक निर्दोष व्यक्ति को मौत की सजा दी गई थी? और, यदि नहीं, तो क्या उसने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया था?

सीजेन लव ने कहा है, 'मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं मानती कि उसने ऐसा किया. हाउप्टमैन और उसकी विधवा ने अपनी बेगुनाही और बचाव पक्ष की दलील को अंत तक बनाए रखा. लेकिन, अगर सबूत उसे इस मामले से जोड़ते हैं तो ऐसा ही हो. मैं सच जानना चाहती हूं.'

क्या है पूरा मामला और कैसे हुई थी लिंडबर्ग जूनियर की हत्या?

चार्ल्स ऑगस्टस लिंडबर्ग जूनियर 20 महीने का था, जब वह 1 मार्च 1932 को न्यू जर्सी के ईस्ट एमवेल में अपने बेडरूम से गायब हो गया था. अपहरण के बाद घर पर एक लकड़ी की सीढ़ी, एक छेनी और फिरौती की एक चिट्ठी मिली थी. हालांकि, इसके बाद फिरौती के लिए कई चिट्ठियां मिलती रहीं, जिनमें फिरौती की रकम बढ़ती गई. परिवार ने फिरौती के लिए 50 हजार डॉलर के भुगतान की व्यवस्था की, लेकिन 10 हफ्ते बाद 12 मई को बच्चा मृत पाया गया.

न्यू जर्सी पुलिस के नेतृत्व में जांच सितंबर 1934 तक चलती रही, जब फिरौती की रकम में से एक 10 डॉलर की गोल्ड सर्टिफिकेट का इस्तेमाल न्यूयॉर्क में गैसोलीन खरीदने के लिए किया गया. इसके बाद जांचकर्ता गैस स्टेशन पर कार का पता लगाकर हाउप्टमैन तक पहुंचे. बाद में उसके गैरेज में फिरौती के $13,760 डॉलर बरामद किए. हालांकि, इसके बाद हाउप्टमैन ने कहा कि उसे पैसे एक ऐसे व्यक्ति ने रखने के लिए कहा था जो मुकदमे से पहले जर्मनी में मर गया था.

इसके साथ ही अपहरण की जगह से उंगलियों के कोई निशान नहीं मिले. और न ही उसने अपराध स्वीकार किया. इसके साथ ही जांचकर्ताओं को इस बात का कोई स्पष्टीकरण भी नहीं मिला कि कैसे एक अकेले अपहरणकर्ता ने बारिश के बीच दूसरी मंजिल की नर्सरी से बच्चे का अपहरण कर लिया, जब घर में पांच वयस्क और एक कुत्ता मौजूद थे. हालांकि, हाउप्टमैन को न्यू जर्सी के फ्लेमिंगटन में छह सप्ताह के मुकदमे के बाद दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई.

क्या बच्चे की मौत में था उसके पिता का हाथ?

जब चार्ल्स ऑगस्टस लिंडबर्ग जूनियर का अपहरण और उसकी हत्या हुई थी, तब उसके पिता चार्ल्स लिंडबर्ग राष्ट्रीय हीरो थे, क्योंकि उन्होंने न्यूयॉर्क से पेरिस तक दुनिया की पहली बिना रुके सिंगल उड़ान पूरी की थी.  लेकिन, इतिहास उस प्रसिद्ध पायलट को कहीं अधिक गंभीरता से देखेगा, जिसकी 50 साल पहले मृत्यु हो गई थी. लिंडबर्ग यूजीनिक्स के अध्ययन से आकर्षित थे. 1938 में एडॉल्फ हिटलर की ओर से हरमन गोअरिंग से विमानन में उनके योगदान के लिए पदक स्वीकार करने के बाद मीडिया द्वारा उनकी निंदा की गई थी. कई लोगों ने इसे नाजी शासन के प्रति उनकी सहानुभूति के संकेत के रूप में देखा था. 

कैलिफोर्निया की एक रिटायर्ड जज लाइस पर्लमैन (Lise Pearlman) अब इस बात की अटकलें लगाती हैं कि चार्ल्स लिंडबर्ग किसी और भी भयावह काम के लिए सक्षम थे और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए अपने बेटे की बलि दे दी, जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई. पर्लमैन ने अपनी किताब 'द लिंडबर्ग किडनैपिंग सस्पेक्ट नं. 1: द मैन हू गॉट अवे' में लिखा है, 'मैं समय की दूरी का लाभ उठाते हुए लड़के के पिता को उसके अपहरण और हत्या में एक संभावित संदिग्ध के रूप में मानती हूं. लिस्ट के अन्य सभी लोगों की तरह, वे एक भूल करने वाले इंसान हैं, देवता नहीं.' यह एक ऐसा सिद्धांत है जिसे अन्य लिंडबर्ग शोधकर्ता गहरी संदेह के साथ देखते हैं.

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