Ocean Temperature: डूबने वाली है पूरी दुनिया! समुद्री तापमान पर ताजा रिपोर्ट ने वैज्ञानिकों को डराया, कहा- नहीं बचेगा कोई जीव-जंतु
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Ocean Temperature: डूबने वाली है पूरी दुनिया! समुद्री तापमान पर ताजा रिपोर्ट ने वैज्ञानिकों को डराया, कहा- नहीं बचेगा कोई जीव-जंतु

Climate Change Effect on Oceans: जलवायु परिवर्तन की वजह से धरती का तो तापमान बढ़ रहा था. अब समुद्री पानी का तापमान बढ़ने की खतरनाक रिपोर्ट भी सामने आई है. रिपोर्ट में चेताया गया है कि अगर मानव ने अपनी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया तो वह सूप की तरह उबल जाएगा. 

 

Ocean Temperature: डूबने वाली है पूरी दुनिया! समुद्री तापमान पर ताजा रिपोर्ट ने वैज्ञानिकों को डराया, कहा- नहीं बचेगा कोई जीव-जंतु

Climate Change Report on Oceans: जलवायु में हो रहे परिवर्तन से न केवल धरती लगातार गरम हो रही है बल्कि इसका असर समुद्र के पानी पर भी पड़ रहा है. हाल में समुद्री पानी के तापमान पर हुई स्टडी ने खतरे की घंटी बजा दी है. यूरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन पर निगरानी करने वाली एजेंसी कॉपरनिकस (Copernicus) के अनुसार समुद्रों का पानी अपने अब तक के सबसे गर्म तापमान पर पहुंच गया है.

तोड़ दिया वर्ष 2016 का रिकॉर्ड

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए समुद्री पानी (Climate Change Report on Oceans) का तापमान 20.96C तक पहुंच गया है. यह उस समय बनाया गया था, जब दुनियाभर में अल नीनो का प्रभाव पूरो जोरों पर था. एक्सपर्टों के मुताबिक पृ्थ्वी पर पर्यावरण संतुलित करने में समुद्रों का अहम रोल है. वे न केवल मौसम के मिजाज को नियंत्रित करते हैं बल्कि पृथ्वी की आधी ऑक्सीजन का उत्पादन भी करते हैं. 

डूब सकते हैं निचले इलाके

पर्यावरणविदों के मुताबिक समुद्रों के तापमान (Climate Change Report on Oceans) में लगातार होती बढ़ोतरी उनकी क्षमताओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. गर्म होने पर पानी कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की अपनी कुछ क्षमता खो देता है. इसके चलते पृथ्वी के गरम होने की दर तेज हो सकती है. साथ ही ग्लेशियरों के पिघलने की स्पीड भी बढ़ सकती है, जिसका परिणाम समुद्रों के जलस्तर में बढ़ोतरी और निचले इलाकों के डूब जाने के रूप में हो सकता है. 

मछली भंडार खत्म होने का खतरा

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन की वैज्ञानिक डॉ. कैथरीन लेस्नेस्की समुद्रों के गरम (Climate Change Report on Oceans) होने का असर उनमें रहने वाले जीवों पर भी पड़ता है. मछलियाँ और व्हेल ठंडे पानी की तलाश में आगे बढ़ने के लिए मजबूर हो सकती हैं. वहीं भोजन की कमी से शार्क और अधिक आक्रामक हो सकती है. इसका असर समुद्रों के मछली भंडार पर भी पड़ सकता है. 

दुनिया में ऐसे बढ़ रहा खतरा

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) के अनुसार, वर्ष 1982 से 2016 के बीच, समुद्री हीटवेव (Climate Change Report on Oceans) की फ्रीक्वेंसी दोगुनी हो गई है. इसके साथ ही अब गहन और लंबी भी हो गई है. पिछले सप्ताह ही, फ़्लोरिडा में समुद्र की सतह का तापमान हॉट ट्यूब स्तर 38.44C तक पहुंच गया था. इससे पहले जून में ब्रिटेन में पानी का तापमान औसत से 3C से 5C अधिक दर्ज किया गया था.

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