Ajit Pawar: बीड़ में सरपंच की हत्या के बाद महाराष्ट्र सरकार में मत्री धनंजय मुंडे पर कई आरोप लग रहे हैं, इसको लेकर पार्टी प्रमुख अजित पवार पर भी दबाव बढ़ रहा है. कहा जा रहा है कि उन्होंने इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की है. दिल्ली में हुई यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली.
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Dhananjay Munde: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे के एक करीबी सहयोगी की गिरफ्तारी को लेकर जारी राजनीतिक विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार को मुलाकात की है. महाराष्ट्र के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मुंडे मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर आलोचनाओं के घेरे में हैं. NCP नेता के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड के ज़रिए पुणे में क्राइम जांच डिपार्टमेंट के सामने 31 दिसंबर 2024 को आत्मसमर्पण किए जाने के बाद से विपक्षी पार्टियां लगातार मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रही हैं.
अजित पवार ने दिल्ली में अमित शाह के सरकारी आवास पर उनसे मुलाकात की और एक घंटे से ज्यादा समय तक केंद्रीय गृह मंत्री से बात की. मुंडे के आलोचक माने जाने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आ रहे हैं. वह भी सरपंच हत्या के मामले को लेकर मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बीड जिले के अष्टी से विधायक धस इस्तीफे की मांग को लेकर राज्यपाल सी.पी राधाकृष्णन से मिलने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थे.
इससे पहले धनंजय मुंडे ने भी अजित पवार से बात की थी. हालांकि उनका कहना था कि वो उन्हें नए साल की शुभकामनाएं देने के लिए गए थे. इसके अलावा इस दौरान उपमुख्यमंत्री को अपने विभाग की जानकारी भी दी. दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अजित पवार अपनी पार्टी के नेता धनंजय मुंडे पर किसी भी तरह के एक्शन के मूड में नहीं हैं. सूत्रों के हवाले से खबरें सामने आ रही हैं कि जब तक धनंजय मुंडे के खिलाफ सबूत नहीं मिल जाते, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
इस मामले को लेकर पूर्व सांसद संभाजी राजे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर एक ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद मराठवाड़ा के बीड में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए दखल देने की मांग की गई थी. देशमुख हत्या मामले में आरोपियों के साथ संबंधों के आरोपों के बाद धनंजय मुंडे को कैबिने से बर्खास्त करने के लिए भी दबाव डाला गया.
संतोष देशमुख को 9 दिसंबर को दिनदहाड़े अगवा कर लिया गया, एक स्कॉर्पियो में धकेल दिया गया और कथित तौर पर लगभग तीन घंटे तक उनके साथ बुरी तरह मारपीट करके जान से मार दिया गया. कहा जा रहा है कि इसके बाद संतोष देशमुख के शव को उनके गांव के पास एक सड़क पर फेंक दिया गया. महाराष्ट्र पुलिस की विशेष जांच टीम ने हत्या के सिलसिले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है. देशमुख की हत्या के बाद से ही एनसीपी के पूर्व पार्षद कराड की संलिप्तता पर उंगलियां उठ रही हैं.
हत्या के दो दिन बाद कराड का नाम बीड में एक पवनचक्की कंपनी से 2 करोड़ रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में एफआईआर में दर्ज किया गया. देशमुख के परिवार ने दावा किया कि उनकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने एनसीपी से जुड़े स्थानीय दबंगों के ज़रिए जबरन वसूली की कोशिशों का विरोध किया था.