रूस के नाकाम मून मिशन को लेकर चीन ने पश्चिम को किया आगाह, चंद्रयान-3 पर कही ये बड़ी बात
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रूस के नाकाम मून मिशन को लेकर चीन ने पश्चिम को किया आगाह, चंद्रयान-3 पर कही ये बड़ी बात

Russia Moon Mission: चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि रूस को उम्मीद थी वह अमेरिका, चीन और भारत के मून मिशनों के साथ मुकाबला करेगा हालांकि, इस विफलता से रूस की महत्वाकांक्षाओं को झटका लगने की आशंका है.

रूस के नाकाम मून मिशन को लेकर चीन ने पश्चिम को किया आगाह, चंद्रयान-3 पर कही ये बड़ी बात

Luna-25 Failure: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस ने रविवार को एक बयान में कहा कि अनियंत्रित कक्षा में प्रवेश करने के बाद लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक ओपनियन लेख में कहा है कि पश्चिम को रूस को सिर्फ इसलिए कम नहीं आंकना चाहिए क्योंकि उसका मून मिशन विफल हो गया है. इसके साथ ही इस लेख में भारत के चंद्रयान 3 का भी जिक्र किया गया है.

'रूस को उम्मीद थी कि...'
लेख में कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन के साथ अपने संघर्ष और नाटो के साथ टकराव के बीच, अपनी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी के सामान्य संचालन और विस्तार क्षमताओं को प्रदर्शित करने का प्रयास करते हुए, इस चंद्र अन्वेषण योजना को अंजाम दिया. रूस को उम्मीद थी वह अमेरिका, चीन और भारत के मून मिशनों के साथ मुकाबला करेगा हालांकि, इस विफलता से रूस की महत्वाकांक्षाओं को झटका लगने की आशंका है.

लेख में कहा गया कि सोवियत संघ (1991 से पहले का रूस) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियाँ हासिल कीं और मानव अंतरिक्ष उद्योग का नेतृत्व किया. मास्को के नाम पहले कृत्रिम उपग्रह, पहले अंतरिक्ष यात्री और पहले अंतरिक्ष स्टेशन की उपलब्धियां शामिल हैं. हालांकि, सोवियत संघ के विघटन ने रूस के अंतरिक्ष उद्योग के लिए उपलब्ध संसाधनों को काफी कम कर दिया. पश्चिम से व्यापक प्रतिबंधों और युद्धों ने रूस को और कमजोर कर दिया, जिससे उसकी अंतरिक्ष क्षमताएं ख़राब हो गईं.

अखबार ने लिखा, 'आर्थिक और तकनीकी ताकत किसी देश की राष्ट्रीय शक्ति की नींव हैं. रूस को सोवियत संघ से शक्तिशाली रक्षा शक्ति विरासत में मिली, विशेष रूप से अमेरिका के बराबर सुपर-परमाणु शस्त्रागार. हालांकि, इसकी अर्थव्यवस्था इतनी बड़ी नहीं है. 2022 में सकल घरेलू उत्पाद के मामले में यह दुनिया में आठवें स्थान पर रहा जबकि पिछले सात वर्षों में टाप-10 अर्थव्यवस्थाओं से बाहर रहा. कमजोर आर्थिक शक्ति अनिवार्य रूप से वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मियों के नुकसान का कारण बनती है.'

'रूस को अमेरिका की वजह से उठाना पड़ा नुकसान'
चीनी अखबार ने लिखा, 'कई लोगों का मानना है कि रूस की परमाणु शक्ति इतनी मजबूत है कि वह सख्त रवैये वाले अमेरिका का मुकाबला कर सकता है. हालांकि, वास्तव में, रूस को अमेरिका की वजह से बहुत  नुकसान उठाना पड़ा है. वर्तमान यूक्रेन युद्ध में, अमेरिका और पश्चिम ने यूक्रेन को व्यापक सैन्य सहायता प्रदान की है और रूस पर उन्मादी प्रतिबंध लगाए हैं. मॉस्को के पास अमेरिका और पश्चिम को लापरवाही से काम करने से रोकने की कोई शक्ति नहीं है. रूस बस इतना ही कर पाया कि इसने अमेरिका और नाटो को यूक्रेन में सीधे सेना भेजने से रोक दिया.'

चीनी अखबार के लेख में अंत में कहा गया, 'पश्चिम को रूस को केवल इसलिए कम नहीं आंकना चाहिए क्योंकि उसका मून मिशन विफल हो गया है. एक कहावत है कि रूस कभी भी उतना मजबूत या कमजोर नहीं होता जितना आप सोचते हैं. रूस के पास मजबूत लचीलापन है और इसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. यदि पश्चिम रूस के राष्ट्रीय हितों और राष्ट्रीय गौरव के प्रति सम्मान खो देगी, तो अंततः उन्हें अप्रत्याशित भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.'

चंद्रयान-3 पर कही ये बात
ग्लोबल टाइम्स ओपनियन लेख कहता है कि जिस दिन रूस ने लूना-25 की असफलता की सूचना दी उसी दिन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (इसरो) ने घोषणा की कि उसने अपने 'चंद्रयान -3' मिशन के लैंडिंग मॉड्यूल की कक्षा को सफलतापूर्वक छोटा कर दिया है, जिससे यह चंद्रमा के करीब आ गया है और इसके 23 अगस्त की शाम को चंद्र सतह पर उतरने की उम्मीद है.

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